मध्य प्रदेश के सागर में स्थित डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक छात्रा के नमाज पढ़ने पर विवाद होने का मामला सामने आया है. नमाज पढ़ रही इस छात्रा का वीडियो बनाकर वायरल भी किया है, जिसके बाद हिंदू संगठन 'हिंदू जागरण मंच' ने इस पर आपत्ति जताई है. हिंदू संगठन ने इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत दर्ज करवाई है. वहीं, विश्वविद्यालय ने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
सोशल वीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि एजुकेशन विभाग की एक छात्रा यूनिवर्सिटी भवन में नमाज पढ़ रही है. वहीं, एक शख्स उसका वीडियो बना रहा है. बताया जा रहा है कि ये वीडियो शुक्रवार 25 मार्च को शुक्रवार के दिन का है, जिसमें एक लड़की विश्वविद्यालय परिसर में नमाज अदा कर रही है.
कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. साथ ही साथ छात्र-छात्राओं से निर्देश दिए गए हैं कि पूजा-पाठ अपने घर या धार्मिक स्थलों पर करें. विश्वविद्यालय केवल पठन पाठन के लिए है. विश्वविद्यालय की अधिसूचना में विश्वविद्यालय परिसर में धार्मिक आयोजन और क्रियाकलाप करने पर कार्यवाई करने की बात कही गई है.
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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय (एचजीयू) के रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा के हवाले से लिखा है कि घटना के वीडियो क्लिप के साथ हिंदू सगंठन ने विश्वविद्यालय को कार्रवाई की मांग वाला एक ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा, ‘इस मामले को देखने के लिए समिति का गठन किया गया है. समिति तीन दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी और इस रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.'
एचजीयू के मीडिया अधिकारी विवेक जायसवाल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान परिसर में छात्रों के लिए कोई औपचारिक ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन छात्रों को बुनियादी नैतिक पहनावे के साथ कक्षाओं में शामिल होना चाहिए.
हिंदू जागरण मंच की सागर इकाई के अध्यक्ष उमेश सराफ ने बताया कि वीडियो में दिख रही लड़की लंबे समय से हिजाब पहनकर व्याख्यान में भाग ले रही थी.
उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उमेश ने कहा, ‘वह लंबे समय से हिजाब में आ रही थीं, लेकिन शुक्रवार दोपहर को उसे कक्षा के अंदर नमाज पढ़ते देखा गया. यह आपत्तिजनक है क्योंकि शिक्षण संस्थान में हर धर्म के लोग आते हैं.'उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक शिकायत कुलपति और रजिस्ट्रार को सौंपी गई है.
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बता दें, कर्नाटक में हिजाब बैन को लेकर काफी विवाद अभी चल रहा है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को कक्षाओं के अंदर हिजाब या हेड स्कार्फ पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. इससे पहले कई संगठनों ने हिजाब पहनकर शिक्षण संस्थान आने वाली छात्राओं का विरोध किया था. जब मामला कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने भी हिजाब बैन के फैसले को बरकरार रखा. जिसके बाद होईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से एग्जाम का हवाला देते हुए मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया.
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