मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मंत्रिमंडल ने कुर्सी संभाल ली है. नए साल में कुछ मंत्रियों के अजब बयान सुर्खियों में हैं. श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के एक विवादित बयान का वीडियो वायरल हो गया है, तो स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ओपीडी की नई परिभाषा बताते नज़र आए.
श्रम मंत्री सिसोदिया 31 दिसंबर को अपने विधानसभा क्षेत्र बमोरी के हिनोतिया गांव पहुंचे. वहां उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि 'मैं कैबिनेट मंत्री नहीं बना बमोरी का हर आदमी हर कार्यकर्ता कैबिनेट मंत्री है. आपको कोई परेशानी नहीं आएगी. कोई भी काम हो अधिकारी को फोन करो, जो नहीं सुने तो मुझे बताओ, मैंने बैठक में कह दिया है, और जो भी अधिकारी कर्मचारी काम नहीं करेगा उसको लात देकर बाहर कर देंगे.'
बाद में मंत्रीजी ने सफाई दी और कहा कि मैंने इसके आगे पीछे भी कुछ कहा होगा. मैं पूरा वीडियो देखकर इस बारे में और कुछ कहूंगा.
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वहीं स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा माना कि मध्यप्रदेश में हर गांव में डॉक्टरों की कमी बरसों से रही है. इसके लिए चिंतन किया जा रहा है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जो वचन पत्र तैयार किया गया है उसमें स्वास्थ्य विभाग के 41 बिंदुओं पर गंभीरता से चिंतन किया जा रहा है.
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मंत्री जी ने कहा कि आज सभी लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनने के लिए आए हैं. इसके बाद उन पर विचार किया जाएगा. साथ ही एक प्रश्न, कि मध्यप्रदेश के ओपीडी शाम के समय व्यवस्था लागू की गई है लेकिन वहां डॉक्टर मौजूद नहीं मिलते, पर मंत्री जी ओपीडी को ऑपरेशन थिएटर कहते हुए नजर आए. बाद में बात संभालते हुए उन्होंने कहा कि इसकी व्यवस्था भी की जाएगी.
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