
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. राज्य के छिंदवाड़ा जिले के सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल एक व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया, लेकिन जब मुर्दाघर में उसका पोस्टमॉर्टम करने चिकित्सक एवं स्वीपर पहुंचे, तो वह जीवित था. जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील दुबे ने बताया, ‘‘छिंदवाड़ा शहर के प्रोफेसर कालोनी निवासी हिमांशु भारद्वाज (24) को आज सुबह अस्पताल के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर मुर्दाघर में पोस्टमॉर्टम में रखवा दिया था. उसकी पोस्टमार्टम की तैयारी कर रहे स्वीपर को उसके शरीर में अचानक हरकत महसूस हुई. उसने तत्काल पोस्टमॉर्टम के लिए आ रहे चिकित्सक को इसके बारे में बताया. इसके बाद उसका उपचार शुरू किया गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह अब होश में है. उसे बेहतर इलाज के लिए नागपुर भेजा गया है.’’ उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'मध्य प्रदेश में मेडिकल बिल पास कराने के लिए मुझसे रिश्वत मांगी गई'
दुबे ने बताया कि हिमांशु भारद्वाज का चार मार्च को यहां दुर्घटना में गंभीर चोटें आई थीं. उस दिन भी उसे नागपुर भेजा था, जहां चिकित्सकों ने उसे ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर हमारे पास वापस भेज दिया था. आज सुबह जब वह यहां पहुंचा तो उसकी पल्स जाँच की गई. उस समय उसके पल्स नहीं चलने के चलते उसे मृत घोषित कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था. इस संबंध में पीड़ित के परिजन संतोष राजपूत ने सरकार से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.
वीडियो : सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार
आपको बता दें कि डॉक्टरों की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी सरकारी अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पीड़ितों की जान तक गंवानी पड़ी है. इन घटनाओं से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी मेडिकल सेवाओं में का क्या हाल है.
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आपको बता दें कि डॉक्टरों की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी सरकारी अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें पीड़ितों की जान तक गंवानी पड़ी है. इन घटनाओं से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी मेडिकल सेवाओं में का क्या हाल है.
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