भगवा रंग में अफसरशाही? शंकराचार्य की चरण पादुकाओं की पूजा की, सिर पर रखकर चले ये कलेक्टर
भोपाल:
मध्य प्रदेश में इन दिनों ज़िला कलेक्टर जमकर भगवा रंग में रंगे नज़र आ रहे हैं. कोई सर पर पादुका लेकर घूम रहा है तो कोई झंडा थामे नाच रहा है. विपक्ष को लगता है ये नियमों का उल्लंघन है और सरकार को इसमें कुछ गलत नहीं दिखता. कुछ दिनों पहले संपन्न हुए शैव महोत्सव में पीला कुर्ता पहन जमकर नाचे थे उज्जैन के ज़िला कलेक्टर संकेत भोंडवे. वह इतने खुश थे कि जुलूस के रास्ते भर भगवा लहराकर थिरकते रहे.
मध्य प्रदेश में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए धातु संग्रहण और जनजागरण अभियान के लिये चल रही एकात्म यात्रा में मंडल कलेक्टर सूफिया फारुखी ने शंकराचार्य की चरण पादुकाओं का पूजन किया और पादुकाओं को सिर पर रखकर यात्रा में चलीं.
यूपी हज समिति कार्यालय की चाहरदीवारी पर फिर से की गई पुताई, भगवा रंग को लेकर हुआ था विवाद इन तस्वीरों से मुस्लिम धर्मगुरू नाराज़ हो गये. यही यात्रा जब दमोह पहुंची तो जिला कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा भी भगवा ध्वजा थामे चलते रहे. विदिशा कलेक्टर ने भी पादुका उठाने की पूरी जिम्मेदारी निभाई. सरकार को लगता है ये अच्छी पहल है. कांग्रेस मानती है सिविल सेवा शपथ का उल्लंघन. जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा स्वाभाविक रूप से किसी की आदत कमी निकालने की पड़ जाती है. उन्होंने अच्छी नजीर पेश की है.
VIDEO- योगी राज में अब शौचायल भी भगवा!
वहीं नेता प्रतिपक्ष - अजय सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट का साफ निर्देश है कि कोई राजनीतिक यात्रा सरकार की तरफ से नहीं हो सकती. शिवराज सरकार चुनावी साल में धुंआधार धार्मिक आयोजनों में व्यस्त है. प्रशासनिक मशीनरी भी इसमें पस्त है. कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री ने ठीक से काम ना करने वालों कलेक्टरों को उल्टा टांगने की धमकी दी थी. कहा था कलेक्टरी करने लायक नहीं छोड़ेंगे. पता नहीं भगवा में लिपटी दिख रही अफसरशाही पर ये धमकी का नतीजा है या कुछ और. वैसे इसी राज्य में ट्विटर पर जयललिता की जीत पर बधाई देने और फेसबुक पर जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करने पर दो कलेक्टरों को उनके पद से हटा दिया गया था.
मध्य प्रदेश में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा के लिए धातु संग्रहण और जनजागरण अभियान के लिये चल रही एकात्म यात्रा में मंडल कलेक्टर सूफिया फारुखी ने शंकराचार्य की चरण पादुकाओं का पूजन किया और पादुकाओं को सिर पर रखकर यात्रा में चलीं.
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वहीं नेता प्रतिपक्ष - अजय सिंह ने कहा सुप्रीम कोर्ट का साफ निर्देश है कि कोई राजनीतिक यात्रा सरकार की तरफ से नहीं हो सकती. शिवराज सरकार चुनावी साल में धुंआधार धार्मिक आयोजनों में व्यस्त है. प्रशासनिक मशीनरी भी इसमें पस्त है. कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री ने ठीक से काम ना करने वालों कलेक्टरों को उल्टा टांगने की धमकी दी थी. कहा था कलेक्टरी करने लायक नहीं छोड़ेंगे. पता नहीं भगवा में लिपटी दिख रही अफसरशाही पर ये धमकी का नतीजा है या कुछ और. वैसे इसी राज्य में ट्विटर पर जयललिता की जीत पर बधाई देने और फेसबुक पर जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करने पर दो कलेक्टरों को उनके पद से हटा दिया गया था.
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