प्रतीकात्मक फोटो
भोपाल:
बेंगलुरू में नववर्ष की पूर्व संध्या पर हुई सार्वजनिक छेड़खानी की घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर छिड़ी देशव्यापी बहस के बीच मध्यप्रदेश पुलिस ने 'एमपी ई-कॉप' मोबाइल ऐप और पोर्टल सेवा शुरू की है. इसके जरिये मुसीबत के वक्त केवल एक बटन भर दबाने से महिला को तुरंत मदद मिलने का दावा किया गया है.
मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने शुक्रवार को बताया, "एमपी ई-कॉप मोबाइल ऐप में एसओएस (मुसीबत का संकेत) की सुविधा दी गई है. महिला द्वारा यह बटन दबाते ही ऐप में पहले से चुने गए फोन नंबरों पर सहायता की जरूरत का एसएमएस पहुंच जाएगा." उन्होंने कहा कि ऐप की सहायता से कोई भी महिला मुश्किल के वक्त एक बार में अधिकतम पांच नंबरों पर सहायता का संदेश भेज सकती है.
पुलिस महानिदेशक ने वर्ष 2017 की प्राथमिकताओं के संबंध में कार्ययोजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण के लिए विशेष कार्य-योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा साइबर अपराध की आशंकाओं के मद्देनजर लोगों को जागरूकत बनाने की योजना भी बनाई जा रही है.
पुलिस मुख्यालय में एमपी ई-कॉप ऐप को जारी करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा, "बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले गुंडा तत्वों को गिरफ्तार करें और उनके विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई करें."
शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता जताते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऐसे कानून का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए. महिलाओं के विरुद्ध अपराध को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने इसके लिए बैतूल जिले में चलाई गई 'समर्थ संगिनी' जैसी पहल का विस्तार अन्य जिलों में करने को कहा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी जिलों में ऐसे गिरोहों पर नजर रखें, जो बेटियों की खरीद-फरोख्त का घिनौना काम कर रहे हैं.
ऐप के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसमें आम लोगों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके माध्यम से गुम दस्तावेज एवं मोबाईल की घर बैठे पुलिस को सूचना दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि आपात स्थिति में सगे संबंधियों को एसएमएस जारी करने की सुविधा के अलावा इसमें महत्वपूर्ण दूरभाष नंबरों की सूचना भी उपलब्ध है तथा गुम हुए सामान की रिपोर्ट को चेक किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके जरिये गुमशुदगी और अज्ञात शव के बारे में जानकारी ली जा सकती है तथा चोरी एवं बरामद वाहनों की जानकारी ली जा सकती है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने शुक्रवार को बताया, "एमपी ई-कॉप मोबाइल ऐप में एसओएस (मुसीबत का संकेत) की सुविधा दी गई है. महिला द्वारा यह बटन दबाते ही ऐप में पहले से चुने गए फोन नंबरों पर सहायता की जरूरत का एसएमएस पहुंच जाएगा." उन्होंने कहा कि ऐप की सहायता से कोई भी महिला मुश्किल के वक्त एक बार में अधिकतम पांच नंबरों पर सहायता का संदेश भेज सकती है.
पुलिस महानिदेशक ने वर्ष 2017 की प्राथमिकताओं के संबंध में कार्ययोजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर नियंत्रण के लिए विशेष कार्य-योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा साइबर अपराध की आशंकाओं के मद्देनजर लोगों को जागरूकत बनाने की योजना भी बनाई जा रही है.
पुलिस मुख्यालय में एमपी ई-कॉप ऐप को जारी करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा, "बेटियों के साथ छेड़छाड़ करने वाले गुंडा तत्वों को गिरफ्तार करें और उनके विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई करें."
शिवराज सिंह चौहान ने बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता जताते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऐसे कानून का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए. महिलाओं के विरुद्ध अपराध को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने इसके लिए बैतूल जिले में चलाई गई 'समर्थ संगिनी' जैसी पहल का विस्तार अन्य जिलों में करने को कहा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी जिलों में ऐसे गिरोहों पर नजर रखें, जो बेटियों की खरीद-फरोख्त का घिनौना काम कर रहे हैं.
ऐप के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसमें आम लोगों को कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके माध्यम से गुम दस्तावेज एवं मोबाईल की घर बैठे पुलिस को सूचना दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि आपात स्थिति में सगे संबंधियों को एसएमएस जारी करने की सुविधा के अलावा इसमें महत्वपूर्ण दूरभाष नंबरों की सूचना भी उपलब्ध है तथा गुम हुए सामान की रिपोर्ट को चेक किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके जरिये गुमशुदगी और अज्ञात शव के बारे में जानकारी ली जा सकती है तथा चोरी एवं बरामद वाहनों की जानकारी ली जा सकती है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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