
शिवराज सरकार के वक्त हुए कामों की अब परीक्षा होगी. मध्यप्रदेश में छह महीने कुर्सी पर बैठने के बाद कमलनाथ सरकार ने विधानसभा चुनाव के ऐन पहले कई कार्यों के लक्ष्य पूरे घोषित होने का ऑडिट करने का मन बनाया है, फिर चाहे मामला खुले में शौच से मुक्ति का हो, हर घर बिजली का या फिर पीएम आवास का.
शिवराज सरकार ने 2018 में दावा किया था कि मध्यप्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो गया, लेकिन क्या वाकई ऐसा हुआ? क्या राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना में वाकई साढ़े तीन लाख घर बने? घर-घर पानी पहुंचाने के लिए जलाभिषेक योजना का प्रचार तो खूब हुआ, लेकिन पानी पहुंचा? बीजेपी ने 31 अक्टूबर 2018 तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का दावा किया, लेकिन क्यों अभी भी कई गांवों में तार, खंबे नहीं पहुंचे? मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने तय किया है कि शिवराज सरकार के वक्त सरकारी दावे, जमीनी स्तर पर कितने सच्चे हैं, इसका ऑडिट कराया जाए.
कृषि मंत्री सचिन यादव ने कहा जिन गांवों को ओडीएएफ घोषित किया गया उन गांवों में जाकर देखिए. जहां प्रधानमंत्री आवास का लाभ गरीबों को दिया गया आज वहां इतना भ्रष्टाचार है... बीजेपी नेताओं की मिलीभगत है. निश्चित तौर पर इनके दावों की पोल खोलने का काम हमारी सरकार करेगी. वहीं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा हमारी तैयारी चल रही है, शिवराज सिंह की 15 साल की सरकार में बहुत अनियमितताएं सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति से, द्वेष भाव से बदले से कोई कार्रवाई नहीं होगी लेकिन भ्रष्टाचार हो किसी अन्य विचारधारा को पालने-पोसने का काम हुआ हो तो कानून अपना काम करेगा.
सरकार ने संबंधित विभागों में इन मुद्दों पर सर्वे कराने से लेकर मैदानी निरीक्षण तक की कार्ययोजना तैयार कर ली है, लेकिन बीजेपी कह रही है उसे फिक्र नहीं. पूर्व जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा हम किसी ऑडिट से नहीं डरने वाले, हर चीज के लिए सामने खड़े हैं.
कांग्रेस वैसे, सिंहस्थ घोटाला, नर्मदा किनारे पौधारोपण और व्यापम सहित अन्य मुद्दों पर भी जांच करवाना चाहती है और बीजेपी को लगता है यह सब बदले की भावना से किया जा रहा है.
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