प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:
मध्य प्रदेश सरकार चाहती है कि राज्य के मदरसों में स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण समारोह आयोजित किया जाए. सिर्फ आयोजन ही न हो बल्कि मदरसा बोर्ड ने इसकी तस्वीरें, वीडियो ईमेल करने की भी हिदायत दी है. सामान्य शासन विभाग ने दूसरे स्कूलों के लिए जो सर्कुलर जारी किया है उसमें तस्वीरें भेजने की कोई बाध्यता नहीं है.
भोपाल के मदरसा सालिम उल उलूम में बच्चे हर दिन राष्ट्रीय गान गाते हैं. यहां की दीवारों पर राष्ट्रीय गीत भी फक्र से उकेरा गया है, उतनी ही शिद्दत से ये मासूम भारत माता की जय बोलते हैं. लेकिन मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद इमादुद्दीन का खत, जो सारे मदरसों को भेजा गया है, उसमें स्पष्ट आदेश दिया गया है कि 15 अगस्त को झंडा फहराएं, कार्यक्रम का आयोजन करें और इसकी तस्वीर मदरसा बोर्ड को भेजें. वहीं सामान्य प्रशासन विभाग ने भी सारे स्कूलों को खत भेजा है जिसमें स्वतंत्रता दिवस मनाने को कहा है लेकिन सबूत के तौर पर फोटो-वीडियो नहीं मांगा है.
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मदरसे के शिक्षक इसे भेदभाव मानते हैं. मदरसा सालिम उल उलूम के शिक्षक मोहम्मद गुफरान ने कहा ''सरकार ने जो कहा है कि 15 अगस्त को वीडियो, तस्वीरें भेजें, हम कहना चाहते हैं, जिस तरह मदरसों को हुक्म दिया है उसी तरह सारे स्कूलों में देना चाहिए पूरे राज्य में, पूरे देश में. जब आपने मदरसों के लिए खास किया है तो सारे स्कूलों के लिए करो. हम तो वैसे हर साल 15 अगस्त मनाते हैं, रैली भी निकालते हैं.''
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मदरसा तालिम उल इस्लाम के मोहम्मद इरशाद ने कहा ''हमारे हदीस में भी आता है, वतन से मोहब्बत करना ईमान का हिस्सा है, हम शुरू से ही वतन से मोहब्बत करते हैं. इसके लिए हर दफे आदेश आता है. ये दुरुस्त नहीं है, इसलिए कि हमें शुरू से ही वतन से मोहब्बत रही है, हमेशा करते रहेंगे.''
पिछले साल भी राज्य में ऐसे आदेश जारी किए गए थे. कांग्रेस का आरोप है, बीजेपी समाज को बांटने की राजनीति कर रही है. उधर बीजेपी को लगता है बस खत की लिखावट में कुछ छूट गया होगा. कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा ''बीजेपी बड़ा भेदभाव मदरसा और दूसरी जगहों पर कर रही है. अगर उसे देशभक्ति का प्रमाण चाहिए तो संघ मुख्यालय में बात करे जहां आज भी राष्ट्रीय ध्वज का बड़े कार्यक्रमों में अपमान होता है. वहां आज भी ध्वज प्रणाम, ध्वज वंदना करते हैं. ये जो बांटने की नीति है. इसे बीजेपी को त्यागना चाहिए. मदरसे भी उतने ही देशभक्त हैं जितने सरकारी स्कूल.''
बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा ''बीजेपी भेदभाव नहीं करती. मदरसा-स्कूल सबके लिए वही नियम है. हो सकता है स्कूल में कुछ छूट गया हो. पिछले वर्ष अगर आप देखेंगे तो लगातार उनसे फोटो वीडियो मांगे गए. अनुदान जब देते हैं तो ये सब चीजें बहुत जरूरी होती हैं. सरकार की कोशिश है उनका स्तर सुधारा जाए.''
VIDEO : मदरसों मे राष्ट्रगान की मांग, चिट्ठी लिखी
मध्यप्रदेश में कुल 7700 मदरसे हैं, जिनमें तकरीबन 1650 को अनुदान मिल रहा है. इन मदरसों में दो लाख बच्चे तालीम ले रहे हैं.
भोपाल के मदरसा सालिम उल उलूम में बच्चे हर दिन राष्ट्रीय गान गाते हैं. यहां की दीवारों पर राष्ट्रीय गीत भी फक्र से उकेरा गया है, उतनी ही शिद्दत से ये मासूम भारत माता की जय बोलते हैं. लेकिन मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद इमादुद्दीन का खत, जो सारे मदरसों को भेजा गया है, उसमें स्पष्ट आदेश दिया गया है कि 15 अगस्त को झंडा फहराएं, कार्यक्रम का आयोजन करें और इसकी तस्वीर मदरसा बोर्ड को भेजें. वहीं सामान्य प्रशासन विभाग ने भी सारे स्कूलों को खत भेजा है जिसमें स्वतंत्रता दिवस मनाने को कहा है लेकिन सबूत के तौर पर फोटो-वीडियो नहीं मांगा है.
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मदरसे के शिक्षक इसे भेदभाव मानते हैं. मदरसा सालिम उल उलूम के शिक्षक मोहम्मद गुफरान ने कहा ''सरकार ने जो कहा है कि 15 अगस्त को वीडियो, तस्वीरें भेजें, हम कहना चाहते हैं, जिस तरह मदरसों को हुक्म दिया है उसी तरह सारे स्कूलों में देना चाहिए पूरे राज्य में, पूरे देश में. जब आपने मदरसों के लिए खास किया है तो सारे स्कूलों के लिए करो. हम तो वैसे हर साल 15 अगस्त मनाते हैं, रैली भी निकालते हैं.''
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मदरसा तालिम उल इस्लाम के मोहम्मद इरशाद ने कहा ''हमारे हदीस में भी आता है, वतन से मोहब्बत करना ईमान का हिस्सा है, हम शुरू से ही वतन से मोहब्बत करते हैं. इसके लिए हर दफे आदेश आता है. ये दुरुस्त नहीं है, इसलिए कि हमें शुरू से ही वतन से मोहब्बत रही है, हमेशा करते रहेंगे.''
पिछले साल भी राज्य में ऐसे आदेश जारी किए गए थे. कांग्रेस का आरोप है, बीजेपी समाज को बांटने की राजनीति कर रही है. उधर बीजेपी को लगता है बस खत की लिखावट में कुछ छूट गया होगा. कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा ''बीजेपी बड़ा भेदभाव मदरसा और दूसरी जगहों पर कर रही है. अगर उसे देशभक्ति का प्रमाण चाहिए तो संघ मुख्यालय में बात करे जहां आज भी राष्ट्रीय ध्वज का बड़े कार्यक्रमों में अपमान होता है. वहां आज भी ध्वज प्रणाम, ध्वज वंदना करते हैं. ये जो बांटने की नीति है. इसे बीजेपी को त्यागना चाहिए. मदरसे भी उतने ही देशभक्त हैं जितने सरकारी स्कूल.''
बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा ''बीजेपी भेदभाव नहीं करती. मदरसा-स्कूल सबके लिए वही नियम है. हो सकता है स्कूल में कुछ छूट गया हो. पिछले वर्ष अगर आप देखेंगे तो लगातार उनसे फोटो वीडियो मांगे गए. अनुदान जब देते हैं तो ये सब चीजें बहुत जरूरी होती हैं. सरकार की कोशिश है उनका स्तर सुधारा जाए.''
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मध्यप्रदेश में कुल 7700 मदरसे हैं, जिनमें तकरीबन 1650 को अनुदान मिल रहा है. इन मदरसों में दो लाख बच्चे तालीम ले रहे हैं.