मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन अपनी बहन की वजह से चर्चा में आ गए हैं. उनकी बड़ी बहन और तत्कालीन वासावी ग्राम पंचायत सरपंच ताराबाई भ्रष्टाचार के एक मामले में फंस गई हैं. उनके सरपंच रहते हुए शौचालय निर्माण में धांधली की शिकायत मिली थी. उसके बाद जांच में आरोप सही साबित हुए हैं. ताराबाई पर निर्मल भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में धांधली के आरोप लगे थे, जांच हुई तो आदिवासी बहुल बड़वानी जिले के वसावी की तत्कालीन सरपंच ताराबाई और पंचायत सचिव नरगावे पर लगे आरोप सही साबित हुए. जांच में पाया गया कि जिन जगहों पर शौचालय निर्माण के लिए पैसे निकाले गए, वहां जांच दल को भौतिक सत्यापन में कोई शौचालय मिला ही नहीं, जबकि सरकारी खजाने से पैसे निकल गये.
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मौजूदा सरपंच बाबूलाल सोलंकी ने कहा, 'जब मैं सरपंच बनकर आया तो बहुत सारी गड़बड़ी दिखी. मृतकों के नाम से राशि निकाली, ऐसे लोग जिनकी 2006 में मौत हुई उनके नाम पर राशि 2012 तक निकली. भवन के पैसे निकले जिसकी नींव तक नहीं डली, लगभग 66 शौचालय बनने थे, बने नहीं और राशि निकल गई.' हालांकि ताराबाई का परिवार और गृहमंत्री दोनों कह रहे हैं शिकायत गलत है. उनके पति मिश्रीलाल सोलंकी ने कहा हमने सबको शौचालय बना कर दिया, जो शिकायत दी वो निराधार है. वहीं गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा, 'ऐसा है नहीं, उतनी राशि उनको मिली नहीं, मेरे बाद में भी संज्ञान में आया उसको चैलेंज करेंगे.' बीजेपी कह रही है, मामला बेहद चिंताजनक है.
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, 'मौजूदा गृहमंत्री विधायक भी रहे, उपनेता भी रहे, समय-समय पर प्रश्न भी उठाते रहे मनरेगा पर, मैं मानता हूं उनके परिवार द्वारा इस प्रकार का कार्य किया जाना चिंताजनक भी है. जिस वर्ग से वो आते हैं उसी के अधिकारों पर अतिक्रमण हुआ है.' आदेश में ताराबाई और नरगावे को 4,04,126 रुपये जनपद पंचायत राजपुर के खाते में जमा कराने के आदेश दिये गये थे, जिसे जमा नहीं कराया गया है. ऐसे में दोनों के खिलाफ सिविल जेल की कार्रवाई शुरू हो सकती है.
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