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This Article is From Jan 08, 2019

मध्य प्रदेश: BSP विधायक का कमलनाथ सरकार को अल्टीमेटम- कांग्रेस ने किया था मंत्री बनाने का वादा, 20 जनवरी का है इंतजार

कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो, समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और चार निर्दलीय का समर्थन हासिल है.

मध्य प्रदेश: BSP विधायक का कमलनाथ सरकार को अल्टीमेटम- कांग्रेस ने किया था मंत्री बनाने का वादा, 20 जनवरी का है इंतजार
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ. (फाइल तस्वीर)
भोपाल:

मध्य प्रदेश विधानसभा (MP Assembly) में आज कांग्रेस (Congress) की पहली अग्निपरीक्षा है. आज विधानसभा स्पीकर का चुनाव है. विधानसभा में चुनाव को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसकी वजह से विधानसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. इसी बीच पथरिया से बसपा विधायक (BSP MLA) रामबाई ने कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Govt) को अल्टीमेटम दे दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उनसे मंत्री बनाने का वादा किया है, वह 20 जनवरी तक इंतजार करेंगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या ये सरकार के लिए खतरे की चेतावनी है तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी जानती है कि उनकी सरकार अगले 5 सालों तक ऐसे ही चलेगी.

वहीं दूसरी ओर जयस से कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने भी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि युवाओं में निराशा है, उम्मीद है अगले विस्तार में भागीदारी मिलेगी. मैंने अपनी बात शीर्ष नेतृत्व तक रख दी है. बता दें, राज्य विधानसभा के 230 सदस्यों में 114 कांग्रेस और 109 भाजपा के हैं. वहीं कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो, समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और चार निर्दलीय का समर्थन हासिल है. इसी के चलते कांग्रेस ने सरकार बनाई है. 

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वहीं दूसरी ओर स्पीकर के निर्वाचन को लेकर विधानसभा में मंगलवार को हंगामा देखने को मिला. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी की दो विधायकों यशोधरा राजे सिंधिया और मालिनी गौड़ ने शपथ ली. उसके बाद कांग्रेस की ओर से विधायक और मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने अध्यक्ष पद के लिए एन.पी प्रजापति के नाम का प्रस्ताव दिया जिसका आरिफ अकील, विक्रम सिंह 'नाती राजा' सहित अन्य विधायकों ने समर्थन किया.

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भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार विजय शाह का प्रस्ताव न लिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई. उसके बाद हंगामा शुरू हो गया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही फिर हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में अपनाई जा रही प्रक्रिया को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है.

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भाजपा के कई विधायकों ने गुप्त मतदान की मांग की है. वहीं, कांग्रेस की ओर से ससंदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने खुले मतदान का फैसला सुनाया है ताकि खरीद फरोख्त को रोका जा सके और उसी आधार पर खुला मतदान होगा.

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