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This Article is From Jan 25, 2020

10 साल के मयंक ने लिया मां के अंगदान का फैसला, कहा- न होते हुए भी मां मुझे कई जिंदगियों के जरिए देख सकेंगी

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 साल की उम्र में मयंक छवानी ने अपनी घायल मां के सभी अंगों को दान करने का फैसला किया.

10 साल के मयंक ने लिया मां के अंगदान का फैसला, कहा- न होते हुए भी मां मुझे कई जिंदगियों के जरिए देख सकेंगी
भोपाल:

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 साल की उम्र में मयंक छवानी ने अपनी घायल मां के सभी अंगों को दान करने का फैसला किया. लालघाटी हलालपुर में रहने वाले 10 साल के मयंक के पिता भीषम छावानी का साया सात साल पहले 8 जनवरी 2013 को उठ चुका है. मयंक के इस फैसले का पूरा परिवार भीगी आंखों से स्वागत कर रहा है. हमीदिया अस्पताल में मयंक की मां दिशा के सभी अंगों को निकालकर अलग-अलग लोगों में ट्रांसप्लांट किया जाएगा. शनिवार की शाम को मयंक की मां दिशा का अंतिम संस्कार भी होगा.

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भोपाल के जाने-माने वकील जगदीश छवानी के छोटे भाई भीषम छवानी अपनी पत्नी दिशा और बेटे मयंक के साथ लालघाटी हलालपुर क्षेत्र में निवास करते थे. सात साल पहले इस परिवार पर वज्रपात हुआ. 8 जनवरी 2013 को अचानक ब्लड प्रेशर लो होने से भीषम छवानी का निधन हो गया था. तब उनका बेटा मयंक मात्र तीन साल का था. ताऊ जगदीश छवानी के सहयोग से जैसे-तैसे यह परिवार गुजर-बसर कर रहा था. मयंक की मां दिशा छवानी एक बुटिक पर काम कर रही थीं.

इसी महीने 23 जनवरी को हलालपुर, बीरआरटीएस बस स्टैण्ड पर बस से उतरते समय वे दुर्घटना का शिकार हो गईं. उसी दिन से उनका हमीदिया अस्पताल में इलाज चल रहा था. वेंटिलेटर के ज़रिए बचाने की कोशिश हो रही थी. शनिवार को सुबह डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि दिशा का ब्रेन डेथ हो चुका है और उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है. हमीदिया अस्पताल में पूरा परिवार एकत्रित हुआ और सभी ने मासूम मयंक के ऊपर फैसला छोड़ दिया.

मयंक ने भारी मन से कहा कि यदि मेरी मां के अंगों से लोगों को जीवन मिलता है तो मेरी सहमति है. न होते हुए भी मां मुझे कई ज़िंदगियों के ज़रिए देख सकेगी.

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परिवार में 24 घंटे में दूसरा गम-
छवानी परिवार में पिछले 24 घंटे में यह दूसरा गम का समाचार है. एक दिन पहले ही जगदीश छवानी की चाची मोहनी देवी का निधन हुआ है. अगले दिन सुबह जब उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, तभी डॉक्टरों की सलाह पर मयंक ने मां के अंगदान का फैसला किया. अब पूरा परिवार पहले चाची का अंतिम संस्कार करेगा और अंग दान के बाद परिवार की बहू दिशा का अंतिम संस्कार होगा. मयंक के भविष्य को लेकर पूरा परिवार चिंतित दिखाई दे रहा है.

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