मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में गुरुवार को दो-दो घंटों के लिए कर्फ्यू में दो बार ढील दी गई और इस दौरान सिर्फ महिलाओं को ही जरूरी सामान खरीदने के लिए बाहर निकलने की इजाजत थी. इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि दंगों में कथित तौर पर पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई), संगठन की लिप्तता की जांच की जाएगी. दंगा प्रभावित शहर में चार दिनों बाद गुरुवार को सुबह 10 से 12 बजे और दोपहर 3 बजे से 5 बजे तक दी गई छूट के दौरान महिलाओं को जल्दी-जल्दी खरीदारी करते देखा गया.
नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने दंगों के पीछे पीएफआई संगठन की भूमिका के सवाल पर पत्रकारों से कहा कि दंगों में पीएफआई की कथित संलिप्तता और फंडिंग के मामलों की जांच की जाएगी. एसपी ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 41 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. रामनवमी समारोह के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाओं के बाद रविवार शाम को खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था. खरगोन के कलेक्टर अनुग्रह पी ने संवाददाताओं से कहा कि कर्फ्यू में ढील के दौरान केवल महिलाओं को घरों से बाहर निकलने और आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा कि शहर में स्थिति नियंत्रण में है.
उन्होंने कहा कि सिर्फ दूध, सब्जी, मेडिकल और राशन की दुकानें दो घंटे तक खुली रहीं. मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रविवार को हुई हिंसक घटनाओं के आलोक में प्रदेश सरकार ने आगामी त्योहारों के लिए सभी जिलों में अधिकारियों को अलर्ट जारी किया है. एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार ने खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के लिए दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया है. यह न्यायाधिकरण तीन महीने के अवधि में काम पूरा करेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं