सूरजपुर: बारिश के मौसम में जिले भर में स्नेक बाइट के मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में जागरुकता के अभाव के चलते वहां के लोग आज भी अस्पताल की जगह झाड़ फूंक पर ज्यादा भरोसा जताते हैं. जिस कारण सर्पदंश से मौत के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो सूरजपुर के भरुआमुड़ा गांव का है, जहां सांप के काटने से तीन साल के मासूम बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. बच्चे के परिजनों ने बच्चे के जिंदा होने की आस में कई घंटों तक सांप को बंधक बनाकर रखा और वैद्य की तलाश में जुटे रहे. डॉक्टर्स के काफी समझाने के बाद अंत में परिजनों ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया और फिर परिजनों ने सांप को भी छोड़ दिया.
दरअसल, भरुआमुड़ा गांव के आशीष नाम के तीन साल के मासूम को घर पर एक विषैले सांप ने काट लिया था, जिसके बाद बच्चे को जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. वहीं बच्चे के पिता बच्चे के जिंदा होने की आस में वैद्य की तलाश करने लगे और सांप को भी बंधक बनाकर रख लिया. ऐसे में डॉक्टरों के समझाने और बच्चे की मौत की पुष्टि के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाया.
डॉक्टर्स द्वारा बच्चे को मृत घोषित करने के बाद भी पिता को विश्वास नहीं था कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा. बच्चे के पिता लाल बहादुर का कहना है कि सांप काटने से मौत के कुछ घंटों बाद भी जिंदा होने की संभावना होती है. मैं इसी आस में वैद्य की तलाश करता रहा लेकिन वैद्य नही मिला.
डॉक्टर आर एस सिंह सीएमएचओ सूरजपुर ने बताया कि अस्पताल में लाए तीन साल के मासूम के शरीर में जहर पूरी तरह फैल चुका था. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई, परिजनों को समझाकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया है.
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