होशंगादाबाद में हताश किसान मौत को गले लगा रहे हैं (प्रतीकात्मक चित्र)
होशंगाबाद:
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन भले ही फिलहाल थम गया हो, लेकिन किसानों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. कर्ज़ से परेशान किसान यहां लगातार अपनी जान दे रहे हैं. शुक्रवार को भी होशंगाबाद जिले में सूदखोरों से परेशान एक किसान ने खुद पर कैरोसिन डालकर आग लगा ली. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया है.
पुलिस ने बताया कि रंढाल गांव के रहने वाले किसान बाबूलाल (40) ने शुक्रवार की सुबह अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया. पहले गांव वालों ने बताया कि आपसी विवाद के चलते उसने यह कदम उठाया, मगर बाद में कर्ज जल्द चुकाने के सूदखोरों के दबाव की बात सामने आई है.
बाबूलाल के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उस पर पांच-छह लोगों का लगभग सात लाख रुपये का कर्ज था. सूदखोर बकाया रकम चुकाने के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहे थे. बाबूलाल की पत्नी गुड्डी बाई ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को दो सूदखोर आए थे. उन्होंने रकम चुकता न कर पाने के कारण उसे जलील किया था. गुरुवार की रात बाबूलाल बिना खाना खाए सो गया और सुबह उसने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली.
बुरी तरह झुलसे बाबूलाल को पहले होशंगाबाद के जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां से उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया.
बुधवार को भी इसी जिले में एक किसान ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली थी. बावई थाना क्षेत्र के चपलासर के नर्मदा प्रसाद यादव (50) कर्ज से परेशान होकर ज़हर खाकर जान दे दी. परिजनों के अनुसार नर्मदा पर किसी सूदखोर का 50 हजार रुपये का कर्ज था. इस कर्ज के लिए सूदखोर उस पर दबाव बना रहा था और रकम की एवज में नर्मदा से ट्रैक्टर अपने नाम कराने का सूदखोर ने लिखवा रखा था. नर्मदा से पहले यहीं के भैरोपुर गांव के किसान माखन लान मंगलवार को फांसी के फंदे पर झूल गया था.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
पुलिस ने बताया कि रंढाल गांव के रहने वाले किसान बाबूलाल (40) ने शुक्रवार की सुबह अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया. पहले गांव वालों ने बताया कि आपसी विवाद के चलते उसने यह कदम उठाया, मगर बाद में कर्ज जल्द चुकाने के सूदखोरों के दबाव की बात सामने आई है.
बाबूलाल के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उस पर पांच-छह लोगों का लगभग सात लाख रुपये का कर्ज था. सूदखोर बकाया रकम चुकाने के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहे थे. बाबूलाल की पत्नी गुड्डी बाई ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को दो सूदखोर आए थे. उन्होंने रकम चुकता न कर पाने के कारण उसे जलील किया था. गुरुवार की रात बाबूलाल बिना खाना खाए सो गया और सुबह उसने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली.
बुरी तरह झुलसे बाबूलाल को पहले होशंगाबाद के जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां से उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया.
बुधवार को भी इसी जिले में एक किसान ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली थी. बावई थाना क्षेत्र के चपलासर के नर्मदा प्रसाद यादव (50) कर्ज से परेशान होकर ज़हर खाकर जान दे दी. परिजनों के अनुसार नर्मदा पर किसी सूदखोर का 50 हजार रुपये का कर्ज था. इस कर्ज के लिए सूदखोर उस पर दबाव बना रहा था और रकम की एवज में नर्मदा से ट्रैक्टर अपने नाम कराने का सूदखोर ने लिखवा रखा था. नर्मदा से पहले यहीं के भैरोपुर गांव के किसान माखन लान मंगलवार को फांसी के फंदे पर झूल गया था.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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