बस्तर के छुट्टी पर भेजे गए आईजी कल्लूरी ने एक व्हाट्स ऐल ग्रुप में संदेश भेजा है ‘बेला भाटिया विन्स’ यानी बेला भाटिया जीत गई.
नई दिल्ली:
बस्तर के आईजी एसआरपी कल्लूरी लंबी छुट्टी पर चले गए हैं लेकिन जाते-जाते उन्होंने एक व्हाट्स ऐप ग्रुप में संदेश भेजा और लिखा – ‘बेला भाटिया विन्स’ यानी बेला भाटिया जीत गई. गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के घर पर 23 जनवरी को कुछ लोगों द्वारा हंगामा मचाए जाने और उन्हें डराए-धमकाए जाने के बाद विवाद खड़ा हुआ था. करीब 30 लोगों की भीड़ ने बेला भाटिया से बस्तर छोड़ देने का कहा था. उसके बाद से यह सवाल उठने लगा कि क्या बस्तर के स्वयंभू संगठन पुलिस की शह पर सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार संगठनों, पत्रकारों और वकीलों को धमकाते रहेंगे.
आईजी कल्लूरी की छुट्टी पर जाने की बात की वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की थी और कहा था कि उन्हें इलाज के लिए लंबी छुट्टी दी गई है. लेकिन कल्लूरी ने व्हाट्स ऐप पर जो संदेश भेजे हैं उनसे लगता है कि वह यह बताना चाहते हैं कि उन्हें हटाया गया है उन्होंने खुद छुट्टी नहीं मांगी.
कल्लूरी ने एक संदेश में लिखा है “मुझे अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर जाने को कहा गया है. आप सबके सहयोग के लिए मैं आभारी हूं. मुझे विश्वास है कि आप अच्छा काम करते रहेंगे. मेरे परिवार की ओर से आप सबको शुक्रिया...”
जिस ग्रुप में एसआरपी कल्लूरी ने संदेश भेजा उसमें पुलिस के कुछ अधिकारी और अग्नि जैसे स्वयंभू संगठनों के लोग हैं जिन पर सवाल उठते रहे हैं. अग्नि के सदस्य पहले सामाजिक एकता मंच नाम के संगठन में थे जिस पर पत्रकार मालिनी सुब्रमण्यम, वकील शालिनी गेरा और ईशा खंडेलवाल को धमकाने और बस्तर छोड़ने पर मजबूर करने का आरोप था. कल्लूरी जुलाई 2014 में बस्तर के आईजी बनाए गए और उसके बाद से बस्तर में कई नक्सली आत्मसमर्पण हुए. इन आत्मसमर्पणों पर सवाल भी उठे. एनडीटीवी इंडिया ने खुद बस्तर के गांवों में जाकर यह साबित किया था कि कई सरेंडर फर्जी थे.
उसके बाद जनवरी में मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट से फिर कल्लूरी चर्चा में आए. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बीजापुर में सुरक्षा बलों द्वारा कम से कम 16 महिलाओं के साथ बलात्कार होने की बात कही. इस दौरान कल्लूरी को पूछताछ के लिए आयोग ने बुलाया लेकिन वह बीमार पड़ गए और अस्पताल में भर्ती हुए. आयोग ने कल्लूरी के हाजिर न होने की वजह से कई वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाई.
पिछली 23 जनवरी को बेला भाटिया के घर कुछ लोगों के हंगामा करने के बाद रायपुर से वरिष्ठ अधिकारी बेला के घर गए और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया. कलेक्टर ने बेला भाटिया को सुरक्षित जगह में सरकारी आवास देने की बात कही. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जगदलपुर में बेला भाटिया से मुलाकात की लेकिन अग्नि जैसे संगठनों ने बेला भाटिया के खिलाफ नारेबाजी और अभियान जारी रखा. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार में वरिष्ठ अधिकारी और खुद मुख्यमंत्री इससे खुश नहीं थे और लगने लगा कि बस्तर की पुलिस सरकार के लिए शर्मिंदगी पैदा कर रही है.
“हमने पिछले दिनों पैदा हुए हालातों की समीक्षा की और आईजी को सम्मानपूर्वक जाने का रास्ता दिया है.” एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया से कहा. लेकिन कल्लूरी ने जाते-जाते भी अपने एसएमएस संदेशों से सबको हैरान कर दिया है. कल्लूरी ने उसी व्हाट्स एप ग्रुप में यह भी कहा है कि, “गोइंग ऑन लांग लीव, सारी फॉर फेलिंग यू” (लंबी छुट्टी पर जा रहा हूं. आपको निराश करने के लिए माफी)
भले ही सरकार ने शुरू में कल्लूरी को इलाज के लिए छुट्टी देने की बात की लेकिन अब यह साफ हो गया है कि उन्हें हटाया गया है. उनकी जगग 2003 बैच के अफसर पी सुंदर राज को डीआईजी बनाकर भेजा गया है. बस्तर में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “वो (कल्लूरी) जो कर रहे थे उसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अब वह वापस यहां नहीं आएंगे.”
आईजी कल्लूरी की छुट्टी पर जाने की बात की वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्टि की थी और कहा था कि उन्हें इलाज के लिए लंबी छुट्टी दी गई है. लेकिन कल्लूरी ने व्हाट्स ऐप पर जो संदेश भेजे हैं उनसे लगता है कि वह यह बताना चाहते हैं कि उन्हें हटाया गया है उन्होंने खुद छुट्टी नहीं मांगी.
कल्लूरी ने एक संदेश में लिखा है “मुझे अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर जाने को कहा गया है. आप सबके सहयोग के लिए मैं आभारी हूं. मुझे विश्वास है कि आप अच्छा काम करते रहेंगे. मेरे परिवार की ओर से आप सबको शुक्रिया...”
जिस ग्रुप में एसआरपी कल्लूरी ने संदेश भेजा उसमें पुलिस के कुछ अधिकारी और अग्नि जैसे स्वयंभू संगठनों के लोग हैं जिन पर सवाल उठते रहे हैं. अग्नि के सदस्य पहले सामाजिक एकता मंच नाम के संगठन में थे जिस पर पत्रकार मालिनी सुब्रमण्यम, वकील शालिनी गेरा और ईशा खंडेलवाल को धमकाने और बस्तर छोड़ने पर मजबूर करने का आरोप था. कल्लूरी जुलाई 2014 में बस्तर के आईजी बनाए गए और उसके बाद से बस्तर में कई नक्सली आत्मसमर्पण हुए. इन आत्मसमर्पणों पर सवाल भी उठे. एनडीटीवी इंडिया ने खुद बस्तर के गांवों में जाकर यह साबित किया था कि कई सरेंडर फर्जी थे.
उसके बाद जनवरी में मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट से फिर कल्लूरी चर्चा में आए. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बीजापुर में सुरक्षा बलों द्वारा कम से कम 16 महिलाओं के साथ बलात्कार होने की बात कही. इस दौरान कल्लूरी को पूछताछ के लिए आयोग ने बुलाया लेकिन वह बीमार पड़ गए और अस्पताल में भर्ती हुए. आयोग ने कल्लूरी के हाजिर न होने की वजह से कई वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाई.
पिछली 23 जनवरी को बेला भाटिया के घर कुछ लोगों के हंगामा करने के बाद रायपुर से वरिष्ठ अधिकारी बेला के घर गए और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया. कलेक्टर ने बेला भाटिया को सुरक्षित जगह में सरकारी आवास देने की बात कही. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जगदलपुर में बेला भाटिया से मुलाकात की लेकिन अग्नि जैसे संगठनों ने बेला भाटिया के खिलाफ नारेबाजी और अभियान जारी रखा. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार में वरिष्ठ अधिकारी और खुद मुख्यमंत्री इससे खुश नहीं थे और लगने लगा कि बस्तर की पुलिस सरकार के लिए शर्मिंदगी पैदा कर रही है.
“हमने पिछले दिनों पैदा हुए हालातों की समीक्षा की और आईजी को सम्मानपूर्वक जाने का रास्ता दिया है.” एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया से कहा. लेकिन कल्लूरी ने जाते-जाते भी अपने एसएमएस संदेशों से सबको हैरान कर दिया है. कल्लूरी ने उसी व्हाट्स एप ग्रुप में यह भी कहा है कि, “गोइंग ऑन लांग लीव, सारी फॉर फेलिंग यू” (लंबी छुट्टी पर जा रहा हूं. आपको निराश करने के लिए माफी)
भले ही सरकार ने शुरू में कल्लूरी को इलाज के लिए छुट्टी देने की बात की लेकिन अब यह साफ हो गया है कि उन्हें हटाया गया है. उनकी जगग 2003 बैच के अफसर पी सुंदर राज को डीआईजी बनाकर भेजा गया है. बस्तर में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “वो (कल्लूरी) जो कर रहे थे उसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. अब वह वापस यहां नहीं आएंगे.”
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