शहडोल के दौरे पर आए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Choudhary) ने शहडोल (Shahdol) के सीएचएमओ डॉ राजेश पाण्डेय और सिविल सर्जन वीएस बारिया को हटाने के निर्देश दिए हैं. कल NDTV ने शहडोल में 12 नवजात बच्चों की मौत (Newborn Deaths) का मामला उठाया था. चौधरी शहडोल जिले में एक परिवार से भी मिले जिसके बच्चे की हाल ही में मौत हो गई.
मध्यप्रदेश के कई जिलों से नवजात बच्चों की मौतों की खबर है. शहडोल जिले में तो 6 दिनों में 12 बच्चों की मौत हो गई. मामले की जांच करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी वहां पहुंचे और दो स्वास्थ्य अधिकारियों को हटा दिया. विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने भी अपना जांच दल बनाया है. नवजात बच्चों की मौत की खबरें आदिवासी बहुल अनूपपुर (Anuppur) और मंडला (Mandla) से भी हैं. वहीं सागर (Sagar) में भी कई नवजातों ने दम तोड़ दिया है. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह सरकार (Shivraj Singh Government) के आने के बाद से 15000 से ज्यादा बच्चों ने दम तोड़ दिया है.
आदिवासी बहुत अनूपपुर में अप्रैल से नवंबर, यानी 8 महीनों में शिशु गहन चिकित्सा इकाई में 754 बच्चे भर्ती हुए जिसमें से 120 की मौत हो गई. मंडला में 61 दिन में 28 बच्चों की जान चली गई. लेकिन प्रशासन मानता है कि बच्चों को समुचित इलाज मिल रहा है. कमिश्नर नरेश पाल का कहना है कि अनूपपुर, उमरिया,शहडोल तीनों जिलों में बच्चों को विलंब से भर्ती किया गया. जांच में सामने आया कि समुचित इलाज दिया गया है.
धनपुरी शहडोल निवासी विजय महोबिया जी के निवास पर पहुँच कर उनके बच्चे की मृत्यु पर परिजनों का ढांढस बंधाया एवं शोक व्यक्त किया,सरकार द्वारा उनकी हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया॥#drprabhuramchoudhary pic.twitter.com/4W3AFTDYgD
— Dr. Prabhuram Choudhary (@DrPRChoudhary) December 8, 2020
शहडोल संभाग का दर्द टीस ही रहता था कि बुंदेलखंड में सागर मेडिकल कॉलेज से भी भयावह आंकड़े आ गए. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के SNCU और PICU वार्ड में पिछले तीन महीनों में भर्ती हुए 92 नवजातों की इलाज के दौरान मौत हुई. यह मृत्यु दर सामान्य से दोगुनी है. सिर्फ नवंबर में ही 37 नवजातों की मौत हो गई. अक्टूबर में 32 और सितंबर में 23 बच्चों को बचाया नहीं जा सका. सागर में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रबारी डॉ आरएस वर्मा कहते हैं कि ''थोड़ा डॉक्टर कम हैं हमारे यहां. प्रोफेसर भी देख रहे हैं. पूरी कोशिश कर रहे हैं डेथ रेट घटे.''
शहडोल मुख्यचिकित्सा अधिकारी(सी॰एम॰एच॰ओ॰) डॉक्टर राजेश पांडे और सिविल सर्जन डॉक्टर व्ही एस बारिया पर कार्यवाही करते हुए हटाने के निर्देश दिए गए है ॥#drprabhuramchoudhary pic.twitter.com/LqITx1Uaah
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विपक्ष कह रहा है कि 8 महीने में 15000 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है, स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें. कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि ''आठ माह की शिवराज सरकार के दौरान 15819 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. शहडोल में 519 बच्चों ने दम तोड़ा है. अनूपपुर में 120, मंडला में 28, पूरे प्रदेश में बच्चों की यही हालत है. जांच दल ने लीपापोती का काम किया है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तत्काल इस्तीफा दें. मुख्यमंत्री से मांग है कि उन्हें तत्काल हटाया जाए.''
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