
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो को लेकर विवाद कांग्रेस शासित मध्यप्रदेश पुलिस बनाम बीजेपी शासित यूपी पुलिस में तब्दील होता जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि कुछ पुलिसकर्मी तोड़फोड़ कर रहे हैं. वे गाड़ियों को निशाना बना रहे हैं. यूपी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल UPPOLICE FACT CHECK @ UPPViralCheck से वीडियो ट्वीट करके दावा किया कि वीडियो यूपी पुलिस से संबंधित नहीं है, वास्तव में जबलपुर (मध्य प्रदेश) का है. इस वीडियो में दिख रहा है कि ड्यूटी पर तैनात हेलमेट पहने और हाथ में लाठी पकड़े पुलिस वाले बहु-मंजिला इमारत के पार्किंग स्थल के साथ-साथ आसपास के घरों के बाहर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
बीस दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध मार्च के बाद जबलपुर में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था जिसमें न सिर्फ कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे बल्कि सरकारी और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था. हिंसक प्रदर्शन के बाद जबलपुर शहर के गोहलपुर, हनुमानताल, कोतवाली और अधारताल में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
जबलपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि "यदि कोई पुलिस वाला गलती पर है, तो भी हम पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. यूपी पुलिस द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो से जुड़े पूरे मामले की जांच के लिए एक एएसपी के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया है. जांच टीम पहले वीडियो की प्रामाणिकता का पता लगाएगी. पुलिस द्वारा किसी की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोई शिकायत अब तक हमारे पास नहीं आई है. अगर कोई शिकायत लेकर आता है तो हम इसकी विस्तार से जांच करेंगे और उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करेंगे.''
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उन्होंने कहा कि ''मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि वीडियो को जबलपुर फोकस के साथ क्यों ट्वीट किया गया था. यूपी पुलिस केवल यह कह सकती थी कि वीडियो यूपी से संबंधित नहीं है. यूपी हो, एमपी हो या कहीं और, पुलिस की प्राथमिकता शांति स्थापित करना है, जो हमने 20 दिसंबर को एनआरसी और सीएए के प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा के बाद सफलतापूर्वक की थी.''
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि वह तथ्यों का पता लगाने के बाद ही इस मामले पर टिप्पणी करेंगे.
वीडियो में दिखाई जा रही घटना @UPPolice से संबंधित नहीं है, यह जबलपुर मध्य प्रदेश का वीडियो है।#UPPAgainstFakeNews pic.twitter.com/7GBEYkTw2W
— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) December 25, 2019
उधर बीजेपी ने राज्य सरकार पर सवाल उठाया है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा, “जब यूपी पुलिस ने वीडियो को ट्वीट किया है, तो राज्य सरकार को स्थिति स्प्ष्ट करनी चाहिए. अब तक बीजेपी शासित राज्यों में पुलिस के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं ताकि एनआरसी और सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा को नियंत्रित करने में बीजेपी सरकार की झूठी कहानी परोसी जा सके."
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जबलपुर के मदार टेकरी में शुक्रवार की प्रार्थना के बाद धारा 144 प्रभावी रहने के बावजूद एक बड़ी भीड़ जिला कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ी थी. प्रदर्शनकारी थोड़ी ही देर में उग्र हो गए. पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन पर पथराव हुआ. इस हिंसक प्रदर्शन में 10 पुलिस कर्मी घायल भी हो गए थे. पुलिस के मुताबिक इस हिंसा में सात से 15 साल तक के बच्चे भी शामिल थे.
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