
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी को लेकर शासन भले ही लाख दावे कर रहा हो, पर आज भी सूबे के कई गांव ऐसे हैं, जहां तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती. जशपुर जिले के जबला गांव में राज्य बनने के 20 साल बाद भी सड़क नहीं पहुंच सकी
ऐसे में सोमवार (31 अगस्त) को एक गर्भवती महिला को उसके परिजन खाट पर लेकर 5 किमी पैदल चले फिर भी 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाई. बाद में घरवालों गाड़ी बुक कर उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे.
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पोटापानी व सोनईपुर के बीच के पांच किलोमीटर की सड़क वर्षो बाद भी दुरुस्त नहीं हो सकी है. ग्राम पंचायत तम्बाकछार से जबला तक पहुंचने का एकमात्र साधन पदयात्रा है.
जशपुर जिले के जबला गाँव में राज्य बनने के 20 साल बाद भी सड़क नहीं पहुंच सकी, ऐसे में सोमवार को एक गर्भवती महिला को खाट पर लेकर परिजन 5 किमी पैदल चले फिर भी नहीं मिला 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाया बाद में परिजन गाड़ी बुक कर उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे @ndtvindia @ndtv pic.twitter.com/ZkRFbOWgSZ
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 2, 2020
यहां गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए देहाती एंबुलेंस यानी खाट की डोली बनाई जाती है.
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चार लोग इसे कंधे पर उठाकर पदयात्रा करते हुए दो नाला पार कर पगडण्डी के रास्ते से तम्बाकछार तक पहुंचते हैं.
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