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This Article is From Sep 02, 2020

छत्तीसगढ़ : 20 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क, खाट की पालकी बना गर्भवती को लेकर 5 किमी पैदल चले

पोटापानी व सोनईपुर के बीच के पांच किलोमीटर की सड़क वर्षो बाद भी दुरुस्त नहीं हो सकी है. ग्राम पंचायत तम्बाकछार से जबला तक पहुंचने का एकमात्र साधन पदयात्रा है. 

छत्तीसगढ़ : 20 साल बाद भी नहीं पहुंची सड़क, खाट की पालकी बना गर्भवती को लेकर 5 किमी पैदल चले
गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए देहाती एंबुलेंस.
रायपुर:

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी को लेकर शासन भले ही लाख दावे कर रहा हो, पर आज भी सूबे के कई गांव ऐसे हैं, जहां तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती. जशपुर जिले के जबला गांव में राज्य बनने के 20 साल बाद भी सड़क नहीं पहुंच सकी

ऐसे में सोमवार (31 अगस्त) को एक गर्भवती महिला को उसके परिजन खाट पर लेकर 5 किमी पैदल चले फिर भी 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाई. बाद में घरवालों गाड़ी बुक कर उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे. 

MP : खराब सड़क के चलते नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, बैलगाड़ी में ही महिला ने दिया बच्चे को जन्म

पोटापानी व सोनईपुर के बीच के पांच किलोमीटर की सड़क वर्षो बाद भी दुरुस्त नहीं हो सकी है. ग्राम पंचायत तम्बाकछार से जबला तक पहुंचने का एकमात्र साधन पदयात्रा है. 

यहां गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए देहाती एंबुलेंस यानी खाट की डोली बनाई जाती है.

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ : सड़क न होने के कारण गर्भवती महिला को बर्तन में बैठाकर पार करानी पड़ी नदी, तब पहुंच पाई अस्‍पताल

चार लोग इसे कंधे पर उठाकर पदयात्रा करते हुए दो नाला पार कर पगडण्डी के रास्ते से तम्बाकछार तक पहुंचते हैं. 

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