छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एनडीटीवी से कहा है कि मार्च 2026 से पहले भी नक्सलवाद का खात्मा करने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नक्सलियों से बातचीत तभी होगी, जब वे बंदूक छोड़ेंगे. सीएम ने कहा कि बसवराजू के ख़ात्मे के बाद नक्सल आंदोलन समाप्ति की कगार पर है.
अबूझमाड़ ऑपरेशन के बाद सीएम विष्णु देव साय का ये पहला इंटरव्यू है. जहां ऑपरेशन हुआ, वहां से कुछ ही दूरी पर एनडीटीवी ने सीएम का ये इंटरव्यू लिया.
बस्तर में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है- सीएम साय
सीपीआई महासचिव ए राजा के बयान पर कि बसवराजू की एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग हुई है, सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि जब नक्सली गांववालों और सुरक्षाबलों को मार रहे थे, तब ये कहां थे? उनका ये आरोप गलत है. बस्तर में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार में माओवादियों से लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह साफ कह चुके हैं कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के पीएम मोदी के संकल्प में बस्तर बड़ी भूमिका निभाएगा. महतारी वंदन योजना से ग्रामीण इलाक़ों की तस्वीर बदली है. आदिवासी महिलाओं का सशक्तीकरण किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नारायणपुर के अबूझमाड़ वन क्षेत्र में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद कोबरा बटालियन के जवान सोलंकी मेहुल भाई को श्रद्धांजलि दी. दोनों नेताओं ने 21 मई को शहीद हुए सोलंकी के पार्थिव शरीर को कंधा देकर उनकी वीरता और बलिदान को नमन किया.

आने वाले दिनों में बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित होगी- मुख्यमंत्री
सीएम ने कहा, "22 मई को बीजापुर में गुजरात के निवासी सोलंकी मेहुल भाई ने माओवादियों के खिलाफ मुकाबले में अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की. हम उनकी शहादत को नमन करते हैं. भगवान से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. मेहुल सोलंकी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. आने वाले दिनों में बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित होगी."
सुकमा के तुमरेल गांव में नक्सलियों के साथ मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के तुमरेल गांव के जंगल क्षेत्र में गुरुवार को माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के एक कमांडो शहीद हो गए थे, जबकि एक माओवादी मारा गया. इस मुठभेड़ में दो अन्य कोबरा कमांडो भी घायल हुए हैं. मुठभेड़ उस समय शुरू हुई, जब माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने अभियान शुरू किया था.

यह मुठभेड़ एक दिन पहले नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर हुई बड़ी कार्रवाई के बाद हुई थी, जिसमें 27 माओवादी मारे गए थे, जिनमें सीपीआई (माओवादी) का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल था.
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