छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (फाइल फोटो)
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के मुख़्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सदी की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहे केरल के बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए लगभग 7 करोड़ रुपये का एक रेलवे रैक चावल और 3 करोड़ रुपये की राशि भेजने घोषणा की है. इस तरह लगभग 10 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता केरल के बाढ़ पीड़ितों को भेजी जाएगी. उन्होंने कहा है कि यह सहायता रविवार को ही भेजने की कोशिश की जाएगी.
मुख़्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा है कि उनकी केरल के मुख्यमंत्री से भी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा है प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार केरल के साथ है और हर संभव सहायता के लिए तत्पर है. मुख़्यमंत्री ने कहा है कि केरल सरकार की सहमति मिलने पर छत्तीसगढ़ से डॉक्टर और स्वयं सेवकों की टीम भी भेजने के लिए तैयार है.
एनडीआरएफ ने बाढ़ से जूझ रहे केरल में अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बारिश और बाढ़ से जूझ रहे केरल के विभिन्न इलाकों से 10 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है और कहा है कि उसने अब तक का देश का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान छेड़ा है. एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसकी कुल 58 टीम राहत एवं बचाव काम के लिए केरल में तैनात की गई हैं. उनमें से 55 टीम वहां काम कर रही हैं जबकि तीन टीम रास्ते में है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बाढ़ से जूझ रहे केरल राज्य में बल ने अपना राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इसके (2006 में) गठन के बाद से किसी एक राज्य में अब तक का सबसे बड़ी तैनाती है और इस तरह यह अब तक का हमारा सर्वाधिक बड़ा आपदा मोचन अभियान है.’’ आपदा मोचन बल की हर टीम में 35- 40 कर्मी हैं. प्रवक्ता ने बताया कि इन टीमों ने अब तक 194 लोगों और 12 जानवरों को बचाया है और 10,467 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. एनडीआरएफ की टीम अभी त्रिचुर (15), पथनमथिट्टा (13), अलापुझा (11), एर्णाकुलम (5), इडुक्की (4), मलापुरम (3) वायनाड और कोझीकोड (दो-दो) में काम कर रही हैं. प्रवक्ता ने कहा कि यहां एक नियंत्रण कक्ष दिन-रात हालात पर निगाह रखे है और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में लगी अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क में है.
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मुख़्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा है कि उनकी केरल के मुख्यमंत्री से भी चर्चा हुई है. उन्होंने कहा है प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार केरल के साथ है और हर संभव सहायता के लिए तत्पर है. मुख़्यमंत्री ने कहा है कि केरल सरकार की सहमति मिलने पर छत्तीसगढ़ से डॉक्टर और स्वयं सेवकों की टीम भी भेजने के लिए तैयार है.
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राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बारिश और बाढ़ से जूझ रहे केरल के विभिन्न इलाकों से 10 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है और कहा है कि उसने अब तक का देश का सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान छेड़ा है. एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसकी कुल 58 टीम राहत एवं बचाव काम के लिए केरल में तैनात की गई हैं. उनमें से 55 टीम वहां काम कर रही हैं जबकि तीन टीम रास्ते में है. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बाढ़ से जूझ रहे केरल राज्य में बल ने अपना राहत एवं बचाव अभियान तेज कर दिया है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘इसके (2006 में) गठन के बाद से किसी एक राज्य में अब तक का सबसे बड़ी तैनाती है और इस तरह यह अब तक का हमारा सर्वाधिक बड़ा आपदा मोचन अभियान है.’’ आपदा मोचन बल की हर टीम में 35- 40 कर्मी हैं. प्रवक्ता ने बताया कि इन टीमों ने अब तक 194 लोगों और 12 जानवरों को बचाया है और 10,467 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. एनडीआरएफ की टीम अभी त्रिचुर (15), पथनमथिट्टा (13), अलापुझा (11), एर्णाकुलम (5), इडुक्की (4), मलापुरम (3) वायनाड और कोझीकोड (दो-दो) में काम कर रही हैं. प्रवक्ता ने कहा कि यहां एक नियंत्रण कक्ष दिन-रात हालात पर निगाह रखे है और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में लगी अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क में है.
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