बलरामजी दास टंडन (Balramji Das Tandon) ने 25 जुलाई, 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पद संभाला था.
रायपुर:
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल (Chhattisgarh Governor) बलरामजी दास टंडन (Balramji Das Tandon) का मंगलवार को निधन हो गया. वह 90 साल के थे. राज्यपाल के सचिव सुरेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि टंडन को बेचैनी होने के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर स्मारक अस्पताल ले जाया गया था. हालांकि बाद में अस्पताल में ही उनका निधन हो गया. टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और जुलाई, 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बने थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दोपहर 2:10 बजे राज्यपाल के निधन की पुष्टि की, और अपनी शोक संवेदना प्रकट की.
उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने लगभग चार वर्षों तक अपनी मूल्यवान सेवाएं दी. राज्यपाल के रूप में वह छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर काफी सजग रहते थे. विगत चार वर्षों में प्रदेश के हितों को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर मुझे हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है. मुझे ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरे लिए वह पिता तुल्य थे. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह अत्यंत सहज, सरल और निश्छल स्वभाव के थे. राजनीति में ऐसे लोग बिरले ही मिलते हैं.'
जनसंघ ने बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का रूप ले लिया. अपने लंबे राजनीतिक करियर में टंडन पंजाब के उपमुख्यमंत्री सहित कई पदों पर रहे. छह बार के विधायक टंडन आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच जेल में भी बंद रहे थे.
राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन जी को सादर नमन व श्रद्धांजलि, उनका निधन छत्तीसगढ़ व पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। श्री टंडन सदैव लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु समर्पित रहे, आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति व शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करें।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) August 14, 2018
उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने लगभग चार वर्षों तक अपनी मूल्यवान सेवाएं दी. राज्यपाल के रूप में वह छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर काफी सजग रहते थे. विगत चार वर्षों में प्रदेश के हितों को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर मुझे हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है. मुझे ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरे लिए वह पिता तुल्य थे. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह अत्यंत सहज, सरल और निश्छल स्वभाव के थे. राजनीति में ऐसे लोग बिरले ही मिलते हैं.'
जनसंघ ने बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का रूप ले लिया. अपने लंबे राजनीतिक करियर में टंडन पंजाब के उपमुख्यमंत्री सहित कई पदों पर रहे. छह बार के विधायक टंडन आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच जेल में भी बंद रहे थे.
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