मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार.
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बलरामजी दास टंडन (Balramji Das Tandon) के निधन के बाद मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) को छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल की नियुक्ति तक पटेल अतिरिक्त जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगी. भाजपा के मातृ संगठन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक टंडन का दिल का दौरा पड़ने के कारण रायपुर के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे. आनंदीबेन पटेल बुधवार को रायपुर राजभवन में शपथ लेंगी.
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन को बेचैनी होने के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर स्मारक अस्पताल ले जाया गया था. टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और जुलाई, 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बने थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दोपहर 2:10 बजे राज्यपाल के निधन की पुष्टि की, और अपनी शोक संवेदना प्रकट की.
उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने लगभग चार वर्षों तक अपनी मूल्यवान सेवाएं दी. राज्यपाल के रूप में वह छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर काफी सजग रहते थे. विगत चार वर्षों में प्रदेश के हितों को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर मुझे हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है. मुझे ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है.'
(इनपुट: भाषा)
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Governor of Madhya Pradesh Anandiben Patel to take additional charge of Chhattisgarh, at oath ceremony tomorrow, at Raj Bhawan in Raipur. https://t.co/8fZ4fwnjay
— ANI (@ANI) August 14, 2018
बता दें कि छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन को बेचैनी होने के बाद डॉ. बीआर अंबेडकर स्मारक अस्पताल ले जाया गया था. टंडन जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और जुलाई, 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बने थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दोपहर 2:10 बजे राज्यपाल के निधन की पुष्टि की, और अपनी शोक संवेदना प्रकट की.
उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने लगभग चार वर्षों तक अपनी मूल्यवान सेवाएं दी. राज्यपाल के रूप में वह छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर काफी सजग रहते थे. विगत चार वर्षों में प्रदेश के हितों को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर मुझे हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है. मुझे ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है.'
(इनपुट: भाषा)
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