
- किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी आमने-सामने
- बिजली के बिल को लेकर मचा हंगामा
- आकाश विजयवर्गीय एक बार फिर विवादों में
सोमवार को मध्यप्रदेश में किसानों के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने रहे. विपक्षी बीजेपी ने जहां जिला मुख्यालयों पर बिजली बिलों में गड़बड़ी को लेकर प्रदर्शन किया, वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मध्य प्रदेश के प्रति भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाकर हर जिले में प्रदर्शन किया. जिसमें कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ संबंधित जिलों के प्रभारी मंत्री भी शामिल हुए. इस मौके पर बल्लामार विधायक आकाश विजयवर्गीय (Akash vijayvargiya) इंदौर में एक बार फिर विवादित बयान दे गये.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदर्शन का नेतृत्व करने रीवा ज़िले में पहुंचे. वहां सिमरिया में पहले उन्होंने कर्ज में डूब कर आत्महत्या करने वाले किसान वनस्पति साहू के परिजनों से मुलाक़ात की. वहीं रैली में बिजली, कर्जवसूली के नोटिस पढ़ते हुए कहा किसानों के बिजली के बिल 29,771 रूपये आ रहे हैं हम तो 200 लेते थे. बिजली के बिल इकठ्ठा कर होली जलाएंगे अगर कोई बिजली काट देगा तो दादागीरी करके खंबे पर चढ़कर जोड़ेंगे.
वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत राज्य के हर ज़िला मुख्यालय पर बीजेपी कार्यकर्ता हाथों में कर्जमाफी और बिजली का बिल लिये धरने पर बैठे, सरकार पर किसानों को ठगने का आरोप लगाया. बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा ना तो किसी किसान का 2 लाख का कर्जा माफ हुआ, अति बारिश से सोयाबीन की फसल चौपट हुई, धान की फसल चौपट हुई. बिजली के बिल हजारों में आ रहे हैं जबकि बिल आधा करने का वादा किया था वादाखिलाफी के खिलाफ जनता और किसान सड़क पर हैं.
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वहीं इंदौर में बल्लामार विधायक आकाश विजयवर्गीय धमकी देते नज़र आए, उन्होंने कहा आपको पता है हम खाली हाथ घूमते नहीं हैं, मेरा निवेदन है ये बातें जनता तक पहुंचाना किसके समय 24 घंटे बिजली आती थी 200 का बिल आता था.
@BJP4MP के बल्लेबाज विधायक ने फिर कहा - ख़ाली हाथ नहीं घूमते" @INCMP @ndtvindia #LawyersVsDelhiPolice #RCEPSummit pic.twitter.com/FkfUHfT3wG
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) November 5, 2019
बताते चले कि कांग्रेस ने केन्द्र पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया और कहा कि बारिश और बाढ़ से नुकसान के पैसे उसने राज्य को अभीतक नहीं दिया, प्रदेशभर में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर राहत राशि की मांग की. कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, ''28 सांसद चुनकर गये जब शिवराज सिंह संवैधानिक पद पर थे तब मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करते थे, बिहार-तमिलनाडु का प्रतिवेदन मप्र के बाद मिला उन्हें राशि जारी हो गई और हमारी राशि रोक ली. आप मप्र में धरना प्रदर्शन करते हैं, नरेन्द्र मोदी से एक प्रतिनिधिमंडल मिलने तक नहीं जाता.''
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