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This Article is From Jun 20, 2019

मध्य प्रदेश: जब कैबिनेट की बैठक में ही उलझ पड़े दो मंत्री, CM कमलनाथ को दिखाने पड़े सख्त तेवर

मध्यप्रदेश की सरकार में इन दिनों शक्ति संतुलन का खेल चल रहा है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में दो मंत्री उलझे, उन्हें रोकने मुख्यमंत्री कमलनाथ को तल्ख तेवर दिखाने पड़े.

मध्य प्रदेश: जब कैबिनेट की बैठक में ही उलझ पड़े दो मंत्री, CM कमलनाथ को दिखाने पड़े सख्त तेवर
मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ.
भोपाल:

मध्यप्रदेश की सरकार में इन दिनों शक्ति संतुलन का खेल चल रहा है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में दो मंत्री उलझे, उन्हें रोकने मुख्यमंत्री कमलनाथ को तल्ख तेवर दिखाने पड़े. बुधवार की बैठक में, उस समय बहस शुरू हुई जब स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उम्र में छूट का मुद्दा उठाया, बीच में खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर खड़े हो गए, उन्होंने ऊंची आवाज़ में मुख्यमंत्री से कहा "आपको हमारी बात भी सुननी चाहिए, मेरे इलाके में अधिकारियों को मेरी सहमति के बग़ैर हटाया जा रहा है...यह इस तरह से नहीं चल सकता है ". 

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तोमर की आवाज़ सुनकर स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे खड़े हो गये और कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ इस तरह के लहजे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने यह भी कहा कि तोमर को बैठना चाहिए ... दोनों के बीच बहस में जब कमलनाथ ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो तोमर बैठक से बाहर जाने लगे. तोमर को सिंधिया के करीबी मंत्रियों गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी ने रोकने की कोशिश की और उनकी बात का समर्थन करते हुए कहा कि नौकरशाही उनके प्रदर्शन में बाधा डाल रही है और उनका काम में उनका सहयोग नहीं कर रही है. 

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इस बात पर कमलनाथ बिफर गये और कहा कि वह जानते हैं कि इस सब के पीछे कौन था तोमर की तरफ रूख करते हुए उन्होंने कहा 'आपका स्वागत है. कोई भी आपको रोक नहीं रहा है'. इस मामले में चुटकी लेते हुए बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि मंत्रियों को यह महसूस नहीं हुआ कि यह एक कैबिनेट बैठक है, पार्टी की सभा नहीं. हमारा मानना ​​है कि यह सरकार ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है क्योंकि कांग्रेस में अंदरूनी गुटबाज़ी चरम पर है. इस बीच, सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ समर्थक अब सिंधिया खेमे को कमजोर करने के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं और वह अपने कैबिनेट सहयोगियों के छह महीने के प्रदर्शन के मूल्यांकन के बहाने सिंधिया समर्थकों को महत्वपूर्ण विभागों से मुक्त भी कर सकते हैं. 

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