- चीन के पूर्व सरकारी एसेट मैनेजमेंट फर्म के टॉप बैंकर बाई तियानहुई को भ्रष्टाचार के लिए मौत की सजा दी गई
- बाई तियानहुई ने 2014 से 2018 के बीच 156 मिलियन डॉलर से अधिक की घूस ली थी, जो लगभग 1402 करोड़ रुपये है
- चीन की सुप्रीम कोर्ट ने बाई के खिलाफ मौत की सजा को बरकरार रखा और कोई राहत देने से इनकार किया
चीन में भ्रष्टाचार की केवल एक ही सजा है... मौत. एक बार फिर यह साबित हो गया है. चीन ने मंगलवार, 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार के लिए अपने एक टॉप बैंकर को मौत के घाट उतार दिया. यह बैंकर चीन के एक सरकारी एसेट मैनेजमेंट फर्म का पूर्व कार्यकारी (एक्जिक्यूटिव) था. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार चीन की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी है.
रिपोर्ट के अनुसार चीन हुआरोंग इंटरनेशनल होल्डिंग्स (CHIH) के पूर्व जनरल-मैनेजर बाई तियानहुई को 2014 और 2018 के बीच कई प्रोजेक्ट के फाइल पास करने के लिए 156 मिलियन डॉलर से अधिक घूस लेने का दोषी पाया गया था. यह रकम भारतीय करेंसी में लगभग 1402 करोड़ रुपए होती है. चीन में भ्रष्टाचार के लिए मिली मौत की सजा को कई बार आजीवन कारावास में बदल दी जाती है.
चीन के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट) ने उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बाई के अपराध "बेहद गंभीर" थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "(बाई) ने असाधारण रूप से बड़ी रकम की रिश्वत स्वीकार की, उसके अपराधों की परिस्थितियां असाधारण रूप से गंभीर थीं, सामाजिक प्रभाव विशेष रूप से गंभीर था, और देश और लोगों के हितों को असाधारण रूप से महत्वपूर्ण नुकसान हुआ."
रिपोर्ट के अनुसार बाई को करीबी रिश्तेदारों से मिलने के बाद मंगलवार की सुबह तियानजिन में मौत की सजा दे दी गई. हालांकि ब्रॉडकास्टर ने यह नहीं बताया कि उसे कैसे मौत दी गई- फांसी देकर या जहर वाला इंजेक्शन देकर.
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