दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया.
नई दिल्ली़:
दिल्ली में 23 अप्रैल को एमसीडी चुनाव होने हैं और इससे पहले पहली बार स्थानीय निकाय चुनावों में उतर रही आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम के जरिए चुनाव आयोग पर तमाम आरोप लगाए और यह मांग कर डाली है कि चुनावों को फिलहाल टाल दिया जाए. पीटीआई के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने ऐसी मांग की है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी साझा की है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं. केजरीवाल की इस मांग से चुनाव आयोग सकते में है. यह अलग बात है कि चुनाव आयोग यह पहले ही साफ कर चुका है कि वह इस बार चुनाव ईवीएम पर ही कराएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में ईवीएम पर कई सवाल उठाए थे. साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को कई चुनौती पेश की.
अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ट्विट कर ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए हैं. हाल के मध्य प्रदेश के भिंड के प्रकरण के बाद से पार्टी के आरोपों को बल मिलता दिख रहा है. वहीं, चुनाव आयोग ने इस प्रकरण पर अपनी सफाई भी दी है और यह भी कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने पर सार्वजनिक की जाएगी.
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा कि निष्पक्ष वोटिंग के लिए पेपर बैलेट का इस्तेमाल होना चाहिए. केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज किया है कि वो अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दें और दिखाएंगी कैसी ईवीएम के सॉफ्टवेयर के साथ टैंपरिंग हो सकती है. केजरीवाल ने कहा कि अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या देश में चुनाव निष्पक्ष हो रहे हैं. लोग वोट डाल रहे हैं या फिर मशीनें डाल रही हैं. केजरीवाल ने भिंड की घटना से जोड़ते हुए कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, इससे पहले असम में चुनाव हुए थे, तब भी वहां एक मशीन ऐसी निकली थी, जिससे सारे वोट भाजपा को जा रहे थे.
केजरीवाल ने कहा 'दिल्ली कैंट में चुनाव के वक्त भी एक ऐसी मशीन सामने आई थी. अगर ये मशीनें खराब हो गई थीं, तो कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को वोट क्यों नहीं जाता. सभी खराब मशीनों का वोट भाजपा को ही क्यों जाता है? इसका मतलब मशीनें खराब नहीं हो रही हैं, बल्कि उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा कि मैं भी तकनीकी आदमी हूं और आईआईटी से इंजीनियर हूं. थोड़ी बहुत तकनीक मैं भी समझता हूं. अगर मशीन से भाजपा की स्लिप निकल रही है तो इसका मतलब है कि मशीन का सॉफ्टवेयर बदला गया है. हम कह रहे हैं कि जो भी मशीने हैं उनके साथ छेड़छाड़ बड़े स्तर पर की जा रही है.
गौरतलब है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने मध्य प्रदेश में वीवीपीएटी मशीनों के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के अपने दावे को पुख्ता बताया. वीवीपीएटी वे मशीन होती हैं जिससे निकलने वाली पर्ची से पता चलता है कि मतदाता ने किसे वोट दिया.
अरविंद केजरीवाल ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में ईवीएम पर कई सवाल उठाए थे. साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को कई चुनौती पेश की.
#CivicPolls in Delhi should be postponed so that ballot papers can be used, says #ArvindKejriwal. pic.twitter.com/XW3DrOUdmo
— Press Trust of India (@PTI_News) April 3, 2017
अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ट्विट कर ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए हैं. हाल के मध्य प्रदेश के भिंड के प्रकरण के बाद से पार्टी के आरोपों को बल मिलता दिख रहा है. वहीं, चुनाव आयोग ने इस प्रकरण पर अपनी सफाई भी दी है और यह भी कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने पर सार्वजनिक की जाएगी.
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा कि निष्पक्ष वोटिंग के लिए पेपर बैलेट का इस्तेमाल होना चाहिए. केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज किया है कि वो अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दें और दिखाएंगी कैसी ईवीएम के सॉफ्टवेयर के साथ टैंपरिंग हो सकती है. केजरीवाल ने कहा कि अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या देश में चुनाव निष्पक्ष हो रहे हैं. लोग वोट डाल रहे हैं या फिर मशीनें डाल रही हैं. केजरीवाल ने भिंड की घटना से जोड़ते हुए कहा कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, इससे पहले असम में चुनाव हुए थे, तब भी वहां एक मशीन ऐसी निकली थी, जिससे सारे वोट भाजपा को जा रहे थे.
केजरीवाल ने कहा 'दिल्ली कैंट में चुनाव के वक्त भी एक ऐसी मशीन सामने आई थी. अगर ये मशीनें खराब हो गई थीं, तो कांग्रेस या समाजवादी पार्टी को वोट क्यों नहीं जाता. सभी खराब मशीनों का वोट भाजपा को ही क्यों जाता है? इसका मतलब मशीनें खराब नहीं हो रही हैं, बल्कि उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
सीएम केजरीवाल ने यह भी कहा कि मैं भी तकनीकी आदमी हूं और आईआईटी से इंजीनियर हूं. थोड़ी बहुत तकनीक मैं भी समझता हूं. अगर मशीन से भाजपा की स्लिप निकल रही है तो इसका मतलब है कि मशीन का सॉफ्टवेयर बदला गया है. हम कह रहे हैं कि जो भी मशीने हैं उनके साथ छेड़छाड़ बड़े स्तर पर की जा रही है.
गौरतलब है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने मध्य प्रदेश में वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी को निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया और मांग की कि आगामी चुनावों ईवीएम का प्रयोग रोक दिया जाए और मतपत्र के जरिये चुनाव करवाने की व्यवस्था बहाल की जाए. दोनों दलों के नेताओं ने मध्य प्रदेश में वीवीपीएटी मशीनों के ट्रायल को लेकर वायरल हुए वीडियो के हवाले से वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी के अपने दावे को पुख्ता बताया. वीवीपीएटी वे मशीन होती हैं जिससे निकलने वाली पर्ची से पता चलता है कि मतदाता ने किसे वोट दिया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी, ईवीएम, चुनाव आयोग, बैलेट पेपर, Arvind Kejriwal, Aam Admi Party, Election Commission, Ballet Paper