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This Article is From Apr 08, 2022

शरद पवार के घर के बाहर ST कर्मचारियों का हंगामा, प्रदर्शनकारियों के बीच 'घिरीं' बेटी सुप्रिया सुले

MSRTC के हजारों कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं. ये मांग कर रहे हैं कि उनके साथ, राज्‍य कर्मचारियों के समान व्‍यवहार किया जाए और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए.

शरद पवार के घर के बाहर ST कर्मचारियों का हंगामा, प्रदर्शनकारियों के बीच 'घिरीं' बेटी सुप्रिया सुले
हड़ताली कर्मचारियों ने शरद पवार पर उनकी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया है
मुंबई:

महाराष्‍ट्र के दिग्‍गज राजनेता शरद पवार (Sharad Pawar) की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule)ने शुक्रवार को अपने घर के बाहर खुद को राज्‍य परिवहन निगम के प्रदर्शनकारियों के समूह के बीच घिरा हुआ पाया. रिपोर्ट है कि इन प्रदर्शनकारियों में से कुछ ने उनके (सुप्रिया के) साथ दुर्व्‍यवहार किया. दरअसल, महाराष्‍ट्र रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (MSRTC) के करीब 100 कर्मचारियों ने शरद पवार के दक्षिण मुंबई स्थित घर के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने वरिष्‍ठ राजनेता के खिलाफ नारेबाजी की और एनसीपी सु्प्रीमो पर MSRTC को पूर्ण सरकारी इकाई बनाने की उनकी मांग की अनदेखी का आरोप लगाया. 15 से 20 की संख्या में कर्मचारियों ने शरद पवार के घर में घुसने की भी कोशिश की. 

गौरतलब है कि MSRTC के हजारों कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं. ये मांग कर रहे हैं कि उनके साथ, राज्‍य कर्मचारियों के समान व्‍यवहार किया जाए और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे निगम का सरकार में विलय कर दिया जाए. बॉम्‍बे हाईकोर्ट की ओर से हड़ताली कर्मचारियों को 22 अप्रैल से ड्यूटी पर आने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद यह प्रदर्शन आयोजित किया गया. कोर्ट के आदेश के संदर्भ में राज्‍य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने आश्‍वस्‍त किया है कि हाईकोर्ट की ओर से तय समयसीमा पर ड्यूटी ज्‍वॉइन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.  कर्मचारी दोपहर में पवार के मुंबई स्थित निवास 'Silver Oak'पर पहुंचे और उनके खिलाफ नारेबाजी की. यही नहीं,कुछ कर्मचारियों ने घर में चप्‍पल-जूते भी फेंके.

MSRTC के एक हड़ताली कर्मचारी ने न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'हड़ताल के दौरान करीब 120 MSRTC कर्मी खुदकुशी करके जान दे चुके है. यह खुदकुशी बल्कि राज्‍य की नीतियों के कारण हत्‍या की तरह है. हम विलय की अपनी मांग को लेकर अडिग हैं. शरद पवार ने इस मसले को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया है. '  एक अन्‍य कर्मचारी ने कहा, 'हम बॉम्‍बे हाईकोर्ट की ओर से गुरुवार को दिए गए फैसले का सम्‍मान करते हैं लेकिम हम राज्‍य सरकार के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं जो कि लोगों की ओर से चुनी गई है. इस चुनी हुई सरकार ने कुछ नहीं किया है. इस सरकार के 'चाणक्‍य' शरद पवार भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं. 'पवार को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की अगुवाई में नवंबर 2019 में बनी महा विकास अघाड़ी सरकार का मुख्‍य मुख्‍य संरक्षक/मार्गदर्शक  माना जाता है.   

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