
- संभाजीनगर में एक 18 वर्षीय नर्सिंग छात्रा ने पढ़ाई के दबाव के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या की
- छात्रा की मां ने पढ़ाई के लिए कहा था, जिससे नाराज़ होकर उसने आत्महत्या की
- परिवार ने छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया
पढ़ाई यकीनन इंसान की जिंदगी में सबसे अहम रोल निभाती है लेकिन पढ़ाई के बोझ के तले दबे रहना किसी लिहाज से अच्छा नहीं. घरवालों को भी बच्चों पर पढ़ाई का ज्यादा दवाब नहीं डालना चाहिए. महाराष्ट्र के संभाजीनगर में वडगांव कोल्हाटी इलाके में एक 18 वर्षीय नर्सिंग छात्रा को उसकी मां ने क्या डांटा कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने वाली छात्रा नर्सिंग के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट थी.
आखिर क्या कुछ हुआ
मृतका के पिता एक कंपनी में काम करते हैं, हुआ ये कि रविवार शाम को छात्रा अपने घर में टीवी देख रही थी, तभी उसकी मां ने उसे पढ़ाई करने के लिए कहा और उसकी मां रसोई में खाना बनाने चली गईं. उस समय छात्रा का छोटा भाई दूसरे कमरे में अपनी पढ़ाई कर रहा था. मां की इसी बात से नाराज़ छात्रा ने अपने घर की तीसरी मंजिल पर जाकर सीढ़ियों के पास फांसी लगा ली.
मामले की जांच में जुटी पुलिस
जब परिवार को इस घटना की जानकारी हुई, तो उन्होंने तुरंत छात्रा को बेहोशी की हालत में घाटी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया. एमआईडीसी वालुज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. ऐसी घटनाएं न सिर्फ डराती है बल्कि ये भी बताती है कि भले ही पढ़ाई जरूरी हो लेकिन उसे थोपा नहीं जा सकता. जरूरी है कि पढ़ाई के महत्व को आराम से समझाया जाए.
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