
महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा ने शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है. इस घटना के बाद सियासी बयानबाजी का दौर भी तेज हो गया है और विभिन्न दलों के नेता अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इसी बीच, पुणे से एनसीपी सांसद डॉ. अमोल कोल्हे ने एनडीटीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में महाराष्ट्र सरकार और सत्ताधारी नेताओं पर जमकर निशाना साधा.
मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी
डॉ. कोल्हे ने नागपुर हिंसा को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" करार देते हुए कहा, "सत्ता पक्ष और कैबिनेट मंत्रियों के लगातार भड़काऊ बयानों की वजह से औरंगजेब की कब्र का मुद्दा बेवजह उठाया जा रहा है. यह सब सरकार की नाकामियों को छिपाने की कोशिश है." उन्होंने जोर देकर कहा कि नागपुर मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के नाते ऐसी घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए. "अगर उनके होमटाउन में ऐसा हो रहा है, तो भड़काऊ बयानों से माहौल खराब करने से बचना चाहिए."
ये भी पढ़ें :कहां से आए इतने पत्थर, क्या पूरा प्लान तैयार था? नागपुर हिंसा में साजिश के ये 5 एंगल जरा आप भी पढ़िए
एनसीपी नेता ने लगाए ये आरोप
इसके साथ ही एनसीपी सांसद ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के अलग-अलग बयानों से सरकार में आपसी तालमेल की कमी साफ दिखती है. यह हिंसा औरंगजेब की कब्र को लेकर भड़काई जा रही है. 300 साल पुरानी घटना को अब विवाद का रूप देना एक साजिश है, ताकि सत्ता में आने से पहले किए गए वादों से ध्यान हटाया जा सके."
औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य की मिसाल
उन्होंने राज्य की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में हर दिन 7 किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारी चरम पर है. इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे विवाद खड़े किए जा रहे हैं. ?" डॉ. कोल्हे ने औरंगजेब की कब्र को मराठा शौर्य का प्रतीक बताते हुए इसे हटाने की मांग करने वालों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य की मिसाल है. यह दिखाता है कि जो भी महाराष्ट्र को कुचलना की कोशिश करेगा उसका नतीजा क्या होगा.
ये भी पढ़ें : आंखों के सामने जला दीं गाड़ियां, घरों में ही सहम कर रह गए लोग, नागपुर हिंसा के पीड़ितों की आपबीती पढ़िए
मराठाओं का शौर्य स्मारक बनाने की मांग
मेरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और एएसआइ से मांग है कि की कब्र के परिसर में मराठाओं के शौर्य का उचित स्मारक बनाया जाए ताकि पूरे देश को पता लगे सके कि औरंगज़ेब 27 साल तक महाराष्ट्र में एड़ी रगड़ता रहा लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया. जो कब्र हटाने की बात कर रहे हैं उनके इतिहास के आकलन पर हंसी आती है यह कब्र दर्शाती है कि 27 साल तक मराठाओं ने मुकाबला किया था और औरंगजेब अपनी राजधानी तक नहीं जा पाया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं