बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव से पहले महालक्ष्मी रेसकोर्स को मुलुंड के लैंडफिल में शिफ्ट करने के प्रस्ताव ने एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के बीच एक नया मोर्चा खोल दिया है. रेसकोर्स का पट्टा एक दशक पहले समाप्त हो गया है. बीएमसी अब यहां की जमीन का स्वामित्व लेकर इसे थीम पार्क में डेवलप करना चाहती है. रेसकोर्स के स्थान को बदलने को लेकर आदित्य ठाकरे और बीजेपी नेता आशीष शेलार आमने-सामने आ गए हैं. ट्विटर पर उनके बीच जुबानी जंग छिड़ गई है.
आदित्य ठाकरे ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य की वर्तमान सरकार रेस कोर्स को व्यावसायिक हितों के लिए बेचने और शहर का मुद्रीकरण करने का प्रयास कर रही है. आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बिल्डर लॉबी की मदद करने का प्रयास कर रही है, लेकिन मुंबई शहर के कल्याण और लोगों की कोई परवाह नहीं है.
आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम मुंबईकर हर किसी के लिए एक शहरी पार्क चाहते हैं, न कि एक ठोस व्यावसायिक जंगल. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने सुना है कि मुंबई के टैक्स पेयर्स के पैसों पर मुलुंड में प्रस्तावित रेसकोर्स में व्यावसायिक हित भी शामिल हैं.
We Mumbaikars want an urban green park for everyone, not a concrete commercial jungle from Khoke Sarkar's pro builder policies.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) January 9, 2023
We also hear that commercial interests are involved in Mulund's proposed racecourse at tax payer's expense.
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इधर, कैबिनेट मंत्री और मुंबई के संरक्षक मंत्री दीपक केसरकर ने स्वीकार किया कि रेसकोर्स को कहीं और समायोजित करने की एक मूल योजना थी. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए कहा, "खुली जगह होनी चाहिए. मुंबई में खुली जगहों की कमी है. रेसकोर्स की जमीन आम लोगों के लिए एक मनोरंजक क्षेत्र हो सकता है. यह एक विकल्प है, जहां खुली जगह वैसी ही बनी रहे और यह आम आदमी के लिए हो.'
आदित्य ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा, "बीएमसी (बृहन्मुंबई निगम) के आगामी चुनावों से पहले कुछ अपरिपक्व युवा इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. वे अनावश्यक रूप से इस मुद्दे को उठा रहे हैं, क्योंकि उनके पास कुछ भी करने को नहीं है."
वहीं, बीजेपी नेता शेलार ने आदित्य ठाकरे और MVA गठबंधन पर आरोप लगाया. कहा कि उन्होंने पिछले 25 साल तक BMC में अपने पद का गलत इस्तेमाल किया है. शेलार ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार और बीएमसी ने 2013 में लीज समाप्त होने के बाद भी रेसकोर्स के पट्टे को लंबित रखा था. उन्होंने कहा कि बीएमसी को निजी गुल्लक की तरह इस्तेमाल करने के बाद युवा नेता अब ऐसी बातें कर रहे हैं.
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