महाराष्ट्र और राज्य का महानगर मुंबई देश में कोविड का 'हॉटस्पॉट' रहा है. यह अभी भी नए वेरिएंट, ओमिक्रॉन के मामलों में आगे है. मुम्बई में बीते 8 दिनों में कोविड के सक्रिय यानी एक्टिव मामले 22% बढ़े हैं. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 14 दिसंबर तक 1,769 सक्रिय मामले थे जो कि 21 दिसंबर तक बढ़कर 2,159 हो गए है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्ती बढ़ाई जा रही है. बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन (बीएमसी) के मार्शल बिना मास्क पहने लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जगह-जगह मुंबई की सड़कों पर तैनात हैं. इस समय अब यहां चर्चा ‘डेलमाईक्रॉन' को लेकर भी हो रही है.
इसी तरह, इसी अवधि के दौरान शहर में कोविड मामलों के दोगुना होने की दर(डब्लिंग रेट) 2,563 से घटकर 2,095 दिन हो गई है. सीधे शब्दों में डब्लिंग रेट घटना से मतलब वायरस के फैलाव में बढ़त दर्ज होने से है. बताया जा रहा है कि यूरोप और अमेरिका में डेल्टा और ओमिक्रॉन, दोनों वेरिएंट ने मिलकर हालात गम्भीर किए हैं. एक्सपर्ट्स, दोनों वेरिएंट को मिलाकर इसे ‘डेलमाईकॉन' नाम दे चुके हैं.
मुंबई शहर की बात करें तो यहां 90% से ज़्यादा मामले डेल्टा या इससे उत्पन्न वेरिएंट के पाए गए हैं, ओमिकॉन की मौजूदगी क़रीब 2% सैंपल में ही दिखी है. महाराष्ट्र कोविड टास्क फ़ोर्स का कहना है कि‘डेलमाईक्रॉन' कोई नया वेरिएंट नहीं है. महाराष्ट्र कोविड टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. राहुल पंडित कहते हैं, 'बीते महीने जहां 100-200 कोविड के मामले रोज़ाना रिपोर्ट हो रहे थे, वहीं कुछ दिनों से मुंबई में संक्रमण का रोज़ाना का आंकड़ा 300 के पार हो चुका है. हालांकि इसे ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ी टेस्टिंग के नतीजे के तौर पर भी देखा जा सकता है.'
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