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डिजिटल अरेस्ट: खुद को ATS और NIA अफसर बता कर करते थे करोड़ों की ठगी, मुंबई पुलिस ने दबोचा

‘डिजिटल अरेस्ट’ फ्रॉड के मामलों के बीच मुंबई पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. आर.ए.के. रोड पुलिस ने एक ऐसी अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को एटीएस और एनआईए अफसर बताकर लोगों से करोड़ों रुपये वसूलता था.

डिजिटल अरेस्ट: खुद को ATS और NIA अफसर बता कर करते थे करोड़ों की ठगी, मुंबई पुलिस ने दबोचा
  • मुंबई पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो खुद को एटीएस और एनआईए अधिकारी बताते थे
  • आरोपियों ने कई राज्यों के नागरिकों से फोन और वीडियो कॉल के जरिए करोड़ों रुपये ठगे थे
  • गिरोह के छह सदस्यों को गुजरात और राजस्थान से गिरफ्तार किया गया, जिनमें मुख्य सरगना युवराज उर्फ मार्को है
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मुंबई:

देशभर में तेजी से बढ़ते ‘डिजिटल अरेस्ट' फ्रॉड के मामलों के बीच मुंबई पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. आर.ए.के. रोड पुलिस ने एक ऐसी अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को एटीएस और एनआईए अफसर बताकर लोगों से करोड़ों रुपये वसूलता था. पुलिस ने इस मामले में गुजरात और राजस्थान से 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों पर मुंबई के एक बुजुर्ग समेत कई राज्यों के नागरिकों से लाखों रुपये ठगने का आरोप है.

क्या है मामला

शिकायत के मुताबिक, पीड़ित को 25 सितंबर 2025 को दोपहर 3:57 बजे से लेकर 28 सितंबर 2025 तक फोन और व्हॉट्सऐप कॉल आने लगे. कॉल करने वाले खुद को एटीएस, नई दिल्ली और एनआईए के अधिकारी बताकर धमकाने लगे कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और पीएमएलए केस में आया है. उन्होंने कहा कि पीड़ित के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए जाएंगे. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर डराया और खुद को पुलिस अफसर बताकर जांच का नाटक किया. डरे हुए पीड़ित से कुल 70 लाख रुपये ठग लिए गए.

पुलिस की जांच और कार्रवाई

आर.ए.के. रोड पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से तकनीकी जांच शुरू की. जांच में करीब 15 बैंक खाते फ्रीज़ किए गए, जिनमें से 10.5 लाख रुपये की रकम जब्त की गई.

पुलिस की तकनीकी जांच में सामने आया कि गिरोह के कुछ सदस्य गुजरात और राजस्थान में छिपे हैं. इसके बाद एक विशेष टीम वहां भेजी गई. आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे, लेकिन पुलिस ने लोकेशन ट्रैक कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार आरोपी

1. सुरेशकुमार मगनलाल पटेल (51 वर्ष)

2. मुसरान इक़बालभाई कुंभार (30 वर्ष)

3. चिराग महेशभाई चौधरी (29 वर्ष)

4. अंकितकुमार महेशभाई शाह (40 वर्ष)

5. वासुदेव उर्फ विवान वालजीभाई बारोट (27 वर्ष)

6. युवराज उर्फ मार्को लक्ष्मण सिंह सिकरवार (34 वर्ष)

पुलिस के अनुसार, आरोपी युवराज उर्फ मार्को गिरोह का मुख्य सरगना है, जो पिछले 2–3 साल से साइबर ठगी में सक्रिय है. बाकी आरोपी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड की व्यवस्था करने का काम करते थे, जिससे ठगी को अंजाम दिया जाता था.

देशभर में 31 शिकायतें दर्ज

जांच में सामने आया है कि इस गिरोह के खिलाफ अब तक देश के 13 राज्यों में 31 से ज्यादा साइबर फ्रॉड शिकायतें दर्ज हैं. इनमें महाराष्ट्र, मुंबई, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, तेलंगाना, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.

एक और मामला: बुजुर्ग को “डिजिटल अरेस्ट” में फंसाया

इसी गिरोह ने पनवेल (रायगढ़) के एक 68 वर्षीय बुजुर्ग को भी ठगा था. 25 सितंबर को बुजुर्ग को व्हॉट्सऐप कॉल आया, जिसमें आरोपी ने खुद को एनआईए अधिकारी बताकर कहा कि उनका नाम पहलगाम के आतंकियों की लिस्ट में है. उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया और 40 लाख रुपये की मांग की गई. लेकिन बुजुर्ग के परिजनों ने समय रहते आर.ए.के. रोड पुलिस से संपर्क किया, जिनकी सतर्कता से पैसे बच गए और बुजुर्ग की शिकायत पनवेल पुलिस थाने में दर्ज की गई.

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