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‘पैसों की बारिश’ का झांसा देकर बुजुर्ग व्यापारी से ठगी, गुजरात से दो आरोपी गिरफ्तार

मुंबई में 76 वर्षीय बुजुर्ग की पत्‍नी की लंबी बीमारी के मौत हो गई. बुजुर्ग इससे कर्जे में डूब गए थे, ऐसे में कुछ लोगों ने उनकी मानसिक स्थिति का फायदा उठाया और उन्‍हें पैसों की बारिश कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लिये. पुलिस ने अब सभी आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है.

‘पैसों की बारिश’ का झांसा देकर बुजुर्ग व्यापारी से ठगी, गुजरात से दो आरोपी गिरफ्तार
प्रतीकात्‍मक AI फोटो
  • सांताक्रूज़ पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया जो लोगों को पैसों की बारिश का झांसा देकर ठगता था
  • गुजरात से इलियास करीम मुसानी और सोहिलभाई जिगरभाई शेख नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है
  • 76 वर्षीय बुजुर्ग व्यापारी को आर्थिक परेशानियों के दौरान पैसों की बारिश का रिचुअल दिखाकर 1.5 लाख रुपए ठगे गए
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मुंबई:

सांताक्रूज़ पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को यह यकीन दिलाता था कि वे 'पैसों की बारिश' करा सकते हैं और आर्थिक परेशानी दूर कर सकते हैं. इस मामले में गुजरात से दो आरोपियों को पकड़ा गया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम इलियास करीम मुसानी और सोहिलभाई जिगरभाई शेख बताए जा रहे हैं. पुलिस को शक है कि मामले में और लोग शामिल हैं और उनकी तलाश जारी है. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस गिरोह ने इसी तरीके से किसी और को भी ठगा है.

कैसे फंसा 76 साल का व्यापारी?

शिकायतकर्ता 76 वर्षीय बुजुर्ग सांताक्रूज़ के जुहू तारा रोड पर रहते हैं. उनकी पत्नी के नाम से एक डेयरी बिजनेस रजिस्टर्ड है. पत्नी पिछले दो साल से बीमार थीं, इसलिए बुजुर्ग ने डेयरी को 2 लाख रुपये पर लीज पर दे दिया और एक कमरा 3 लाख रुपये के भारी डिपॉज़िट पर किराए पर चढ़ा दिया. सारी रकम पत्नी के इलाज में लगी, लेकिन वह बच नहीं पाईं. पत्नी के अंतिम संस्कार और रीति-रिवाज़ पूरा करने के बाद बुजुर्ग जब मुंबई लौटे, तो कर्ज से दबे थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात एक शख्स से हुई जो खुद को ‘खान साहब' बताता था. बुजुर्ग ने जब अपने आर्थिक हालात बताए, तो खान ने उन्हें दो लोगों से मिलवाया- साहिल और इमरान. इन लोगों ने दावा किया कि वे एक खास ‘रिचुअल' के जरिए 'पैसों की बारिश' कर सकते हैं और उनकी दिक्कतें दूर कर देंगे.

ठगी का तरीका

आरोपियों ने बुजुर्ग के सामने प्रदर्शन भी किया- कपड़ों के अंदर से कुछ पैसे निकालकर दिखाया, ताकि लगे कि यह 'चमत्कार' सच में काम करता है. इसके बाद आरोपियों ने कुछ सामान और पैसे लाने का निर्देश दिया. 25 अक्टूबर 2025 को आरोपी बुजुर्ग को जूहू चौपाटी ले गए. वहा 'रिचुअल' के नाम पर 1.5 लाख रुपये लिए और एक बैग देकर चले गए. जब बुजुर्ग घर पहुंचे और बैग खोला, तो अंदर ₹500 और ₹200 के नकली नोटों का ढेर मिला, जिन पर 'इंडियन एंटरटेनमेंट बैंक' और 'इंडियन चिल्ड्रन्स बैंक' लिखा था. वह समझ गए थे कि उनके साथ ठगी हुई है. उन्‍होंने तुरंत सांताक्रूज़ पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस के हत्‍थे ऐसे चढ़े अपराधी

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने CCTV व तकनीकी सर्विलांस की मदद से आरोपियों का पीछा किया. पता चला कि वे गुजरात भाग चुके हैं. पुलिस टीम ने बोटाद में छापा मारा और दोनों को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में उन्होंने अपराध कबूल कर लिया. दोनों को मुंबई लाकर औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.

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