कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो मैसेज के जरिए देश के नाम मैसेज दिया और अपील की कि सभी देशवासी 5 अप्रैल को रात 9 बजे, नौ मिनट तक अपने घरों की लाइट बंद करके दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल लाइट जलाएंगे. इसी अपील को लेकर महाराष्ट्र के बिजली मंत्री डॉ. नितिन राऊत ने प्रधानमंत्री से आह्वान किया है कि एक साथ सभी लाइटें बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर को वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा और ग्रिड भी फेल हो सकती है. उनका कहना है कि इससे ग्रिड फेल हो सकती हैं और आपातकालीन सेवाओ पर असर पड़ सकता है. इसलिए आवश्यक उतनी लाइटें बिना बुझाएं ही दिया या मोमबत्ती लगाएं.
महाराष्ट्र के बिजली मंत्री डॉ. नितिन राऊत के मुताबिक सभी लाइटें एक साथ बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर को वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा, क्योंकि वर्तमान में राज्य में बिजली की डिमांड 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार पर आ चुकी है. ऐसा उद्योगों के बंद होने से हुआ है. एक साथ सभी लाइटें बंद होने से ग्रिड पर असर पड़ने से पावर स्टेशन बंद हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, ''पॉवर स्टेशन बंद हुए तो उसका सीधा असर इमरजेंसी सेवाओं मतलब अस्पताल में ईलाज हो रहे मरीजों पर भी पड़ सकता है. उसे ठीक कर पूर्वरत लाने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं. इसलिए बिजली मिलती रहे इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाए. क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है. डॉ. नितिन राउत ने जनता से भी अनुरोध किया है कि बिजली पर नियंत्रण बनाये रखने में प्रशासन का सहयोग करे.
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