महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के पुत्र और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) ने सोमवार को राज्य की नवगठित सरकार में खुद को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने संबंधी अटकलों को निराधार और झूठा बताकर खारिज कर दिया है. ‘एक्स' पर एक पोस्ट में सांसद ने यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उनके पास केंद्र में मंत्री बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और वह पार्टी संगठन के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.
महायुतीच्या सरकारचा शपथविधी थोडा लांबल्यामुळे सध्या चर्चा आणि अफवा यांचे पीक फोफावले आहे. काळजीवाहू मुख्यमंत्री मा. श्री एकनाथ शिंदे यांनी प्रकृती अस्वास्थ्यामुळे दोन दिवस गावी जाऊन विश्रांती घेतली. त्यामुळे अफवांना अधिकच बहर आला. मी उपमुख्यमंत्री होणार अशा बातम्या प्रश्नचिन्हे…
— Dr Shrikant Lata Eknath Shinde (@DrSEShinde) December 2, 2024
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की भारी जीत के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण होना अभी बाकी है. महायुति के घटक दलों में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि शिवसेना को 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट मिलीं.
महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मुंबई के आजाद मैदान में होगा.
शपथ ग्रहण में विलंब हुआ : श्रीकांत शिंदे
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार रात दावा किया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है. नई सरकार के गठन के तरीके से नाखुश होने की अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए थे. कार्यवाहक मुख्यमंत्री रविवार दोपहर ठाणे पहुंचे.
श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महायुति गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण में थोड़ा विलंब हुआ है और फिलहाल इसे लेकर काफी चर्चाएं और अफवाहें हैं.
उन्होंने कहा कि अफवाहें तब और बढ़ गईं जब उनके पिता खराब स्वास्थ्य के कारण आराम करने के वास्ते दो दिन के लिए गांव चले गए.
पद पाने की कोई इच्छा नहीं : श्रीकांत शिंदे
कल्याण सीट से सांसद ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘यह खबर पिछले दो दिनों से सवालिया निशान के साथ प्रसारित हो रही है कि मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा. इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है और ऐसी सभी खबरें निराधार हैं.''
श्रीकांत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिलने के बावजूद उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे ठुकरा दिया था.
अपने लोकसभा क्षेत्र और शिवसेना के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सत्ता में पद पाने की कोई इच्छा नहीं है. मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देता हूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं.''
मीडिया संगठनों के बीच प्रतिस्पर्धा को स्वीकार करते हुए श्रीकांत शिंदे ने उनसे आग्रह किया कि वे तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने से परहेज करें.
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