
महाराष्ट्र विधानसभा परिसर में दोपहर में हुए हंगामे की गूंज रातभर सुनाई दी. विधायक जितेंद्र आव्हाड के कार्यकर्ता नितिन देशमुख को पुलिस ने रात 12 बजे विधानभवन परिसर से हिरासत में ले लिया. जैसे ही यह खबर जितेंद्र आव्हाड को मिली, वे तुरंत वहां पहुंचे और अपने कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की गाड़ी के सामने धरने पर बैठ गए. इस आंदोलन में शामिल होने के लिए विधायक रोहित पवार भी वहां पहुंच गए.
जब आव्हाड धरने पर अडिग रहे, तो पुलिस ने रात डेढ़ बजे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लेना शुरू किया. इसी दौरान आव्हाड ने पुलिस की गाड़ी को रोके रखा, जिस पर पुलिस ने उन्हें गाड़ी के नीचे से घसीटते हुए बाहर निकाला और फिर नितिन देशमुख को लेकर चली गई. जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि मकोका के आरोपी भाग जाते हैं और जो मार खाते हैं उन्हें पुलिस उठाकर ले जाती है. रात 1 बजे विधायक रोहित पवार भी इस आंदोलन में शामिल हुए.
रोहित पवार ने कहा कि हम नितिन देशमुख का समर्थन करते हैं. यहां अध्यक्ष ‘बॉस' हैं, अगर वे अपने ही दिए गए वचन से पीछे हटते हैं तो यह लोकतंत्र का मजाक है. इसके बाद जितेंद्र आव्हाड, रोहित पवार और एनसीपी के कई कार्यकर्ता मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन वहां नितिन देशमुख मौजूद नहीं थे. पुलिस ने बताया कि उन्हें आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में रखा गया है. जब वे वहां पहुंचे, तो वहां भी नितिन नहीं मिले, जिससे नाराज कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी.
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