 
                                            महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहब दानवे (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        महाराष्ट्र चुनाव आयोग से आचार संहिता उल्लंघन मामले में नोटिस पा चुके बीजेपी के सांसद और पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने आयोग को ही चुनौती दी है. नगर पालिका चुनाव के तीसरे चरण के प्रचार के दौरान रावसाहब दानवे ने औरंगाबाद में आयोजित सभा में मंच से कहा था कि वोटर चुनाव से पहले लक्ष्मीजी घर आएं तो उसका सम्मान करिए, उन्हें लौटा न दें. लेकिन वोट करने के लिए जो फैसला कर चुके हैं वह कायम रखें. उस फैसले को दिमाग से ही करिए.
इस बयान से दानवे ने महाराष्ट्र बीजेपी के नगर पंचायत चुनाव में जारी बेहतरीन प्रदर्शन को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने चुनाव के तीनों चरणों में अपनी बढ़त बनाए रखी. इसका श्रेय मुख्यमंत्री फड़णवीस को दिया जा रहा था कि दानवे का बयान आ गया. विपक्ष ने मौका लपकते हुए दानवे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. दानवे का बयान इस बात का सबूत है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वैसे घिरता हुआ देख रावसाहब दानवे के सुर बदल गए हैं. उन्होंने अपने बयान के समर्थन में मीडिया से कहा कि उन्होंने कभी वोटर को नहीं कहा कि उसे पैसे लेने हैं. जबकि चुनाव आयोग को दिए जवाब में वे कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने प्रचार के दौरान लक्ष्मी का नाम लिया और यह कोई गलत नहीं.
वैसे राज्य के कैबिनेट मंत्री महादेव जानकर इससे पहले आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की डांट खा चुके हैं. जानकर के खिलाफ आयोग ने न सिर्फ एफआईआर दर्ज करने को कहा बल्कि विवादित चुनाव को भी रद्द कर दिया था. ऐसे में अब मामला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का है और कार्रवाई की जिम्मेदारी आयोग की.
                                                                        
                                    
                                इस बयान से दानवे ने महाराष्ट्र बीजेपी के नगर पंचायत चुनाव में जारी बेहतरीन प्रदर्शन को शक के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने चुनाव के तीनों चरणों में अपनी बढ़त बनाए रखी. इसका श्रेय मुख्यमंत्री फड़णवीस को दिया जा रहा था कि दानवे का बयान आ गया. विपक्ष ने मौका लपकते हुए दानवे के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की है.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. दानवे का बयान इस बात का सबूत है. उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वैसे घिरता हुआ देख रावसाहब दानवे के सुर बदल गए हैं. उन्होंने अपने बयान के समर्थन में मीडिया से कहा कि उन्होंने कभी वोटर को नहीं कहा कि उसे पैसे लेने हैं. जबकि चुनाव आयोग को दिए जवाब में वे कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने प्रचार के दौरान लक्ष्मी का नाम लिया और यह कोई गलत नहीं.
वैसे राज्य के कैबिनेट मंत्री महादेव जानकर इससे पहले आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग की डांट खा चुके हैं. जानकर के खिलाफ आयोग ने न सिर्फ एफआईआर दर्ज करने को कहा बल्कि विवादित चुनाव को भी रद्द कर दिया था. ऐसे में अब मामला बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का है और कार्रवाई की जिम्मेदारी आयोग की.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
                                        महाराष्ट्, बीजेपी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे, नगर पंचायत चुनाव, चुनाव आयोग, दानवे को नोटिस, चुनाव आचार संहिता, Maharshtra, BJP, BJP Maharashtra President Raosahab Danave, Election Commission, Notice To Danave, Nagar Panchayat Election
                            
                        