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महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2025! मतदान संपन्न, कल आएंगे नतीजे; बोगस वोटिंग के आरोप और हंगामे के बीच हिंगोली में सबसे अधिक वोटिंग

इन चुनावों की बैकग्राउंड भी काफी अहम है. पिछले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े स्तर पर टूट-फूट, दल-बदल और गठबंधन बदलाव देखने को मिले हैं. इसका असर स्थानीय स्तर तक साफ दिखाई देता है.

महाराष्ट्र निकाय चुनाव 2025! मतदान संपन्न, कल आएंगे नतीजे; बोगस वोटिंग के आरोप और हंगामे के बीच हिंगोली में सबसे अधिक वोटिंग
  • महाराष्ट्र में 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ
  • दोपहर तीन बजे तक औसतन मतदान प्रतिशत लगभग सैंतालीस प्रतिशत दर्ज किया गया, हिंगोली जिला में सबसे अधिक मतदान हुआ
  • मतदान के दौरान नांदेड, ठाणे और वाशिम जैसे इलाकों में अनियमितताओं और विवाद की घटनाएं सामने आईं
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मुंबई:

महाराष्ट्र में आज 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान कराया गया,जो राज्य की स्थानीय राजनीति के लिहाज़ से बेहद अहम माना जा रहा है.यह मतदान उन शहरी निकायों के लिए हुआ जहां 2 दिसंबर को पहले चरण में किसी न किसी कारणवश चुनाव नहीं हो पाया था.सुबह 7.30 बजे शुरू हुआ मतदान पूरे दिन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा. राज्य चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किए गए थे और कहीं से किसी बड़े व्यवधान या हिंसा की सूचना नहीं मिली. प्रशासनिक स्तर पर यह सुनिश्चित किया गया कि मतदाताओं को किसी तरह की असुविधा न हो और मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से पूरी हो.

दिन चढ़ने के साथ कई इलाकों में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई. सुबह साढ़े 9 बजे तक औसतन 7.33 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जिसे शुरुआती रुझान माना गया. दोपहर तक शहरी मतदाताओं की भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ी. हिंगोली जिले की वसमत नगर परिषद में दोपहर 1.30 बजे तक 39.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. छत्रपति संभाजीनगर जिले में इसी समय तक कुल मतदान 32 प्रतिशत रहा, जबकि फुलंब्री नगर परिषद में यह आंकड़ा 40.1 प्रतिशत तक पहुंच गया.

अमरावती जिले के अंजनगांव सुर्जी में भी मतदाताओं ने अच्छी भागीदारी दिखाई और वहां 40.32 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. पालघर जिले की वाडा नगर पंचायत के प्रभाग क्रमांक 12 में सुबह 11.30 बजे तक 24.92 प्रतिशत मतदान हुआ. लातूर जिले में उदगीर नगर परिषद की तीन सीटों के लिए 31.84 प्रतिशत, निलंगा में 37.47 प्रतिशत और रेणापूर में 45.83 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. वाशिम नगर परिषद में 29.33 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि रिसोड नगर पालिका के दो प्रभागों की दो सीटों के लिए 40.04 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

हालांकि, ये चुनाव नगर परिषद और नगर पंचायत जैसे स्थानीय निकायों के लिए हैं, लेकिन इनका राजनीतिक महत्व राज्य की बड़ी राजनीति से कहीं अधिक जुड़ा हुआ है. महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव हमेशा से यह तय करते रहे हैं कि ज़मीनी स्तर पर किस पार्टी या गठबंधन की पकड़ मजबूत है. नगर परिषद और नगर पंचायतें शहरी प्रशासन की सबसे निचली लेकिन सबसे प्रभावशाली इकाइयाँ होती हैं, जहाँ पानी, सड़क, साफ-सफाई, स्थानीय विकास, बाजार, स्कूल और अस्पताल जैसे सीधे जनहित के मुद्दों पर फैसले लिए जाते हैं. यही वजह है कि इन चुनावों को आमतौर पर विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल माना जाता है.

इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), शिवसेना (शिंदे गुट), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कई जगहों पर मजबूत स्थानीय उम्मीदवार मैदान में हैं. कई नगर परिषदों में मुकाबला सीधे पार्टी बनाम पार्टी नहीं बल्कि स्थानीय प्रभावशाली नेताओं के बीच भी है, जो किसी न किसी पार्टी के समर्थन से या फिर निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ जगहों पर महायुति की ताकत का परीक्षण हो रहा है तो कहीं महाविकास आघाड़ी यह साबित करने की कोशिश में है कि शहरी मतदाता अभी भी उसके साथ खड़ा है. वहीं एमएनएस जैसी पार्टी भी शहरी इलाकों में अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए इन चुनावों को अहम मान रही है.

इन चुनावों की बैकग्राउंड भी काफी अहम है. पिछले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े स्तर पर टूट-फूट, दल-बदल और गठबंधन बदलाव देखने को मिले हैं. इसका असर स्थानीय स्तर तक साफ दिखाई देता है. कई नगर परिषदों में वही चेहरे एक बार फिर मैदान में हैं, जिन्होंने पहले किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और अब किसी नए राजनीतिक खेमे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऐसे में मतदाता केवल पार्टी का नहीं बल्कि व्यक्ति, उसका पिछला काम और उसका मौजूदा राजनीतिक रुख भी तौल रहा है.

अब सबसे बड़ा सवाल कल आने वाले नतीजों को लेकर है. इन नतीजों से यह साफ होगा कि शहरी महाराष्ट्र का मूड किस दिशा में है. अगर सत्तारूढ़ गठबंधन को यहां बढ़त मिलती है, तो इसे सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर के तौर पर देखा जाएगा. वहीं अगर विपक्षी दलों को सफलता मिलती है, तो यह आने वाले समय में राज्य सरकार के लिए राजनीतिक दबाव बढ़ाने वाला संकेत माना जाएगा. इन नतीजों का असर आने वाले नगर निगम चुनावों, जिला परिषदों और आगे चलकर विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी पड़ेगा.

कुल मिलाकर, आज का मतदान भले ही स्थानीय निकायों के लिए हुआ हो, लेकिन इसके नतीजे सिर्फ नगर परिषदों तक सीमित नहीं रहने वाले हैं. कल सामने आने वाला जनादेश यह तय करेगा कि महाराष्ट्र की शहरी राजनीति किस दिशा में बढ़ रही है और कौन-सी राजनीतिक ताकत ज़मीनी स्तर पर जनता का भरोसा जीत पाने में कामयाब रही है.

महाराष्ट्र में 23 नगर परिषद और नगर पंचायतों के अध्यक्ष और सदस्य पदों के लिए आज दूसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया. इसके साथ ही विभिन्न निकायों में रिक्त पड़े 154 सदस्य पदों के लिए भी वोट डाले गए. राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, दोपहर 3:30 बजे तक कुल 47.04% मतदान दर्ज किया गया है. अब राज्य की सभी 288 नगर परिषद और नगर पंचायतों के भविष्य का फैसला कल, 21 दिसंबर को होने वाली मतगणना में होगा.

चुनाव के प्रमुख आंकड़े

आज का मतदान उन क्षेत्रों में हुआ जहां कानूनी बाधाओं या तकनीकी कारणों से चुनाव टाल दिए गए थे.

कुल निकाय: 23 नगर परिषद और नगर पंचायतें.

कुल रिक्त सीटें: 154 सदस्य पद.

दोपहर 3:30 बजे तक का औसत मतदान: 47.04%

सबसे अधिक मतदान: हिंगोली जिला (56% के साथ शीर्ष पर).

प्रमुख क्षेत्र: पुणे का बारामती (अत्यंत संवेदनशील), ठाणे का अंबरनाथ, अहिल्यानगर, नासिक, अमरावती, चंद्रपुर और छत्रपति संभाजी नगर.

विवाद और बड़ी घटनाएं

मतदान के दौरान राज्य के कई हिस्सों से तनाव और अनियमितताओं की खबरें सामने आईं -

नांदेड (धर्माबाद): धर्माबाद में भाजपा पदाधिकारियों पर मतदाताओं को एक कमरे में बंद करने का गंभीर आरोप लगा, जिससे इलाके में काफी हंगामा हुआ.

ठाणे (अंबरनाथ): अंबरनाथ में पैसे बांटने का मामला गरमाया. राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजीत पवार गुट) के कार्यकर्ताओं ने दो लोगों को नकदी बांटते हुए रंगे हाथों पकड़कर चुनाव आयोग के फ्लाइंग स्क्वॉड के हवाले किया. इसके अलावा, यहाँ 174 महिलाओं पर बोगस (फर्जी) मतदान करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

वाशिम: वाशिम में तकनीकी खराबी के कारण लगभग आधे घंटे तक EVM मशीन बंद रही. इससे मतदान केंद्र के बाहर लंबी कतारें लग गईं और मतदाताओं में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया.

बारामती: शारदा प्रांगन पोलिंग सेंटर पर मतपेटियों को सील करने की प्रक्रिया को लेकर दो गुटों में शाब्दिक विवाद हुआ, जिसे बाद में पुलिस ने शांत कराया.

क्या दांव पर लगा है?

यह चुनाव न केवल स्थानीय निकायों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि जनवरी 2026 में होने वाले 29 नगर निगमों (BMC सहित) के चुनावों के लिए एक 'लिटमस टेस्ट' भी माना जा रहा है .

महायुति बनाम महा विकास अघाड़ी

सत्ताधारी गठबंधन (भाजपा, शिवसेना-शिंदे, एनसीपी-अजीत पवार) और विपक्षी गठबंधन के बीच कई सीटों पर सीधा मुकाबला है, जबकि कुछ जगहों पर "फ्रेंडली फाइट" भी देखने को मिली है .

क्षेत्रीय वर्चस्व

 बारामती और इंदापुर जैसी सीटों पर एनसीपी के दोनों गुटों (अजीत पवार बनाम शरद पवार) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.

मतगणना का शेड्यूल 

• तारीख: 21 दिसंबर 2025 (कल)
• समय: सुबह 10:00 बजे से शुरू .
• स्थान: संबंधित तहसील कार्यालय और निर्धारित मतगणना केंद्र .
 

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