महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खराब स्वास्थ्य की वजह से इस बार बुधवार से मुंबई में होगा. यह जानकारी सत्र की पूर्व संध्या पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से चर्चा के दौरान दी. इन्होंने बताया कि आमतौर पर शीतकालीन सत्र नागपुर में होता है. हम भी यही चाहते थे, लेकिन मुखयमंत्री की तबीयत के वजह से इसे मुंबई में किया जा रहा है. अब इस बात पर विचार किया जा रहा था कि इसके बाद का सत्र नागपुर में आयोजित किया जाए.
इन्होंने बताया कि विधानसभा सत्र में कम दिन हैं लेकिन कोरोना के चलते देश के अलग अलग जगहों पर बहुत कम दिनों के सत्र रखे जा रहे हैं. ओबीसी मुद्दा, एसटी कर्मचारियों के हड़ताल का मुद्दा, परीक्षा घोटाला, कोविड के बढ़ते मामले और बिजली काटे जाने के मसले को लेकर सरकार पर विपक्ष निशाना साध सकता है. सरकार की ओर से कहा गया है कि इन मुद्दों पर हमारी बात करने की पूरी तैयारी है. विधायकों के निलंबन के मसले पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला उस समय के परिस्थिति के आधार पर हुआ. कई बार होता है कि एक मुद्दे पर गरमा गर्मी हो जाती है, लेकिन physical होना या गलत भाषा का इस्तेमाल करना, उसके आधार पर उन्हें निलंबित किया गया था. तीनों मंत्रियों ने कहा, 'जिस तरह ओबीसी आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के लिए अदालत ने फैसला लिया, उसी तरह का फैसला मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी हुआ. इस मुद्दे पर जो भूमिका राज्य सरकार की रही है, उसके बारे में हमने पहले दिन से बताया है और कल भी इस बारे में बताएंगे.
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