महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है, ऐसे में तमाम पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी है. जब चुनाव सिर पर हो तब भी एनडीए और विपक्षी गठबंधन में सीटों को बंटवारा अभी तक फाइनल नहीं हो सका. महाराष्ट्र में सीटों को लेकर जो माथापच्ची हो रही है, उसे देख हैरानी होना तय है. एनडीए गठबंधन या विपक्षी मोर्चा में कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इसकी तस्वीर अभी तक धुंधली नजर आ रही है. जबकि आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है. शाम तक सत्तारूढ़ गठबंधन में 9 सीटों पर अंतिम फैसला होना बाकी है. दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी में भी सीटों को बंटवारा फाइनल होता नहीं दिख रहा है.
सीटों के बंटवारे के इंतजार में पार्टियां
गठबंधन पहले ही 85-85-95 सीटों के बंटवारे से आगे निकल चुका है. इसके बावजूद 16 सीटों पर कोई घोषणा नहीं हुई है, जबकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी समेत इसके अन्य सहयोगी अभी भी इंतजार कर रहे हैं. बीजेपी ने शुरू में कहा था कि वह 150 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अब उन्होंने घोषणा की कि वे इस बार 146 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने 4 सीटें छोटे सहयोगी दल युवा स्वाभिमान पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) तथा जन सुराज्य शक्ति पक्ष के लिए छोड़ी हैं. लेकिन इसके दो सदस्य शिवसेना के एकनाथ शिंदे की लिस्ट में शामिल हैं, जो है कि मुंबादेवी से पार्टी प्रवक्ता शाइना एनसी और संगमनेर से उम्मीदवार अमोल खताल.
अभी तक हुए सीट बंटवारे का समीकरण
इस तरह शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट के पास 138 सीटें बचती हैं. शिंदे गुट ने पहले 65 उम्मीदवारों की घोषणा की थी. उन्होंने रात शाइना एनसी सहित 15 और उम्मीदवारों की घोषणा की, जिससे इसकी कुल संख्या 80 हो गई. बीजेपी की तरह, शिवसेना ने भी अपने हिस्से में से 2 सीटें छोटे दलों को दी हैं एक-एक जन सुराज पार्टी और राजश्री शाहूप्रकाश अघाड़ी को. अजित पवार के लिए छोड़ी गई 58 सीटों में से 49 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है. एमवीए में, कांग्रेस ने पहले ही 103 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट ने 87 और शरद पवार की एनसीपी ने 82 सीटों की घोषणा की है - जिससे राज्य की 288 सीटों में से कुल 272 सीटें हो गई हैं.
इस बार क्यों खास है महाराष्ट्र का चुनाव
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले दिनों जो उथल-पुथल हुई है, उस लिहाज से ये चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है. महाराष्ट्र, लोकसभा में 48 सदस्य भेजता है, जो कि उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे खास राज्य है. पिछले दो साल में, राज्य में भारी राजनीतिक उथल-पुथल रही है. जैसे कि शिवसेना के दो फाड़, एमवीए सरकार का गिरना और बीजेपी और शिवसेना के विद्रोही गुट को सत्ता की बागडोर सौंपना. इसके बाद शरद पवार की एनसीपी भी टूटी और अजीत पवार के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट ने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए. इसका कुछ असर बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को लोकसभा चुनाव में महसूस हुआ है.
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