
- महाराष्ट्र सरकार जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण को रोकने के लिए जल्द ही कड़ा कानून लाने की प्रक्रिया में है.
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि राज्य में धार्मिक स्थलों से अब तक तीन हजार से ज्यादा अवैध लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं.
- उन्होंने कहा कि मुंबई में अब एक भी धार्मिक स्थल पर अवैध लाउडस्पीकर नहीं है, जहां से सोलह सौ से अधिक अवैध लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.
महाराष्ट्र सरकार जल्द ही जबरन या प्रलोभन देकर किए जाने वाले धर्मांतरण के खिलाफ एक कड़ा कानून लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इसे लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आश्वासन दिया है कि डीजीपी की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट प्राप्त हो चुका है और अब उसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी. साथ ही राज्य सरकार ध्वनि प्रदूषण पर भी सख्त है. सीएम ने बताया कि धार्मिक स्थलों से 3367 अवैध लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण के मुद्दे पर स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस संवेदनशील विषय को गंभीरता से ले रही है और धर्म की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए, जबरदस्ती या लालच के माध्यम से धर्मांतरण पर प्रभावी नियंत्रण लाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे. यह विषय विधानसभा में भाजपा के विधायक गोपीचंद पडळकर द्वारा उठाया गया था. उन्होंने धर्मांतरण के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई और सरकार से इस पर सख्त कानून बनाने की मांग की थी.
मुंबई में एक भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर नहीं: फडणवीस
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा में ध्वनि प्रदूषण और धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के अंधाधुंध उपयोग का मुद्दा भी गूंजा. भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न धर्मों के धार्मिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर लाउडस्पीकर लगाए गए हैं, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ता है.
इस सवाल का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि राज्य सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और अब तक 3367 धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं. उन्होंने विशेष रूप से बताया कि मुंबई में अब एक भी धार्मिक स्थल पर अवैध लाउडस्पीकर नहीं है. मुंबई में 1600 से भी ज्यादा धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटाए गए हैं.
... तो पुलिस स्टेशन का संबंधित अधिकारी जिम्मेदार: फडणवीस
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में किसी धार्मिक स्थल पर फिर से अवैध लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं, तो उस क्षेत्र के पुलिस स्टेशन के संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इस संबंध में राज्य सरकार ने स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया भी तैयार की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर बजाना प्रतिबंधित है. पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाने की अनुमति है, लेकिन लाउडस्पीकर का उपयोग वर्जित है. विशेष परिस्थितियों में कुछ दिनों के लिए 12 बजे रात तक छूट दी गई थी, लेकिन यह स्थायी नहीं है.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार सभी धर्मों का सम्मान करते हुए यह सुनिश्चित कर रही है कि नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण से राहत मिले और कानून का पालन सभी के लिए समान रूप से हो.
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