- एमएनएस नेता रेशमा तपासे ने कहा कि जो मराठी भाषा का आदर नहीं करेंगे, उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज कराएंगे.
- पत्रकार ने पूछा कि आपको हिंदी, अंग्रेजी, मराठी ही आती है तो क्या आप कभी किसी दूसरे राज्य नहीं जाएंगी?
- दुकानदार की पिटाई का मुकदमा दर्ज होने पर मनसे नेता ने कहा कि मेरे खिलाफ भी केस दर्ज हैं. ये बड़ी बात नहीं.
महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर इन दिनों घमासान छिड़ा है. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने मोर्चा खोल रखा है. हाल ही में एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर एक दुकानदार की पिटाई की थी. इसे लेकर NDTV की पत्रकार सुजाता द्विवेदी ने एमएनएस की नेता रेशमा तपासे से तीखे सवाल पूछे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
'जो मराठी का आदर नहीं करेंगे, वो मार खाएंगे'
महाराष्ट्र में एमएनएस की वाइस प्रेसिडेंट रेशमा तपासे ने एनडीटीवी से कहा कि जो लोग यहां आकर मराठी भाषा का आदर नहीं करेंगे, वो मार ही खाएंगे. हम उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराएंगे. इस पर पत्रकार सुजाता द्विवेदी ने तपासे से कहा कि भाषा के नाम पर लोगों से मारपीट करने के लिए तो उनकी पार्टी के ही कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज हो चुके हैं.
इस पर जवाब में रेशमा तपासे ने कहा कि कोई बात नहीं, मनसे के ऊपर बहुत से मुकदमे हैं, मेरे खिलाफ भी दर्ज हैं. ये कोई बड़ी बात नहीं है. हम इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम ये सब मराठी और महाराष्ट्र के लिए कर रहे हैं. जो लोग यहां आते हैं या यहां आकर बस गए हैं, उन्हें तय करना होगा कि वे मराठी बोलेंगे कि नहीं.
हिंदी को बताया मुगलों की भाषा
एमएनएस नेता ने आगे कहा कि हिंदी और मराठी में फर्क बताते हुए कहा कि दोनों में देवनागरी लिपि हैं. मराठी के बाद हिंदी पैदा हुई है. उन्होंने हिंदी का जिक्र करते हुए कहा कि जो मुगलों की भाषा है, जो लोग उसे व्यवहार में लाए थे, वो आपको अच्छी लग रही है, लेकिन जिस मराठी को छत्रपति शिवाजी ने पुनर्जीवित किया है, उसे आप हिंदू द्रोही बोल रहे हैं.
एमएनएस की नेता ने ये भी कहा कि वह हिंदी में बोल रही हैं ताकि उनकी बात देशभर के लोगों तक पहुंचे. अपनी पार्टी के रुख का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि देश के ज्यादातर राज्य भाषा के आधार पर बने हैं. मराठी की इस तरह पैरवी पर पत्रकार सुजाता द्विवेदी ने तपासे से पूछा कि अगर वह किसी अन्य राज्य में जाएं और उन्हें वहां की भाषा बोलने पर मजबूर किया जाएगा तो उन्हें कैसा लगेगा?
पत्रकार ने इसके लिए कर्नाटक का उदाहरण दिया, जहां कुछ संगठन सभी को कन्नड़ सीखने पर जोर दे रहे हैं. इस पर एमएनएस नेता रेशमा तपासे ने अजीब तर्क दिया और कहा कि मैं कर्नाटक नहीं गई क्योंकि मुझे वहां की भाषा नहीं आती. इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई.
NDTV पत्रकार: आपको कितनी भाषाएं आती हैं?
MNS नेता: अंग्रेजी, हिंदी और मराठी.
NDTV पत्रकार: क्या आप आजीवन महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाएंगी?
MNS नेता: क्यों नहीं जाऊंगी? मुझे अंग्रेजी आती है न.
NDTV पत्रकार: तो आपको हिंदी से दिक्कत है?
MNS नेता: हां बिल्कुल, हिंदी न मेरी भाषा है, न ही राष्ट्र की भाषा है.
NDTV पत्रकार: क्या आपको नहीं लगता कि आप लोग भी पाठशाला खोलकर मराठी सिखा सकते हैं?
MNS नेता: जो मेरे पास आता है, वो सीख जाता है.
NDTV पत्रकार: क्या इस तरह मारपीट के?
MNS नेता: नहीं, आपको पता है किसकी पिटाई होती है? जिसमें ज्यादा गर्मी होती है, जो arrogantly बोलते हैं, वो पिटते हैं.
इंटरव्यू के दौरान एमएनएस नेता तपासे की एक सपोर्टर ने जब arrogance शब्द की तरफ इशारा किया तो रिपोर्टर सुजाता द्विवेदी ने तुरंत टोक दिया कि यह तो अंग्रेजी का शब्द है. यह वीडियो अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल है. लोग एमएनएस नेता से सख्त सवाल करने के लिए पत्रकार की तारीफ कर रहे हैं.
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