आखिर क्यों मेनका गांधी ने बेटे वरुण गांधी के लिए छोड़ी पीलीभीत की सीट? जानें सियासी मायने

बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट के मुताबिक, वरुण गांधी और मेनका गांधी की सीटों में फेरबदल किया गया है और अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से वरुण गांधी और सुल्तानपुर से मेनका गांधी चुनाव लड़ेंगी.

आखिर क्यों मेनका गांधी ने बेटे वरुण गांधी के लिए छोड़ी पीलीभीत की सीट? जानें सियासी मायने

मेनका गांधी और वरुण गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • बीजेपी ने सीटों में की अदला-बदली.
  • अब सुल्तानपुर की बजाय पीलीभीत से चुनाव लड़ेंगे वरुण गांधी.
  • मेनका गांधी सुल्तानपुर से लड़ेंगी चुनाव.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर मंगलवार को बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, तो लोकसभा की सीट पर उम्मीदवारों के नाम देखकर सबको हैरान हुई. बीजेपी की कैंडिडेट लिस्ट के मुताबिक, वरुण गांधी और मेनका गांधी की सीटों में फेरबदल किया गया है और अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से वरुण गांधी और सुल्तानपुर से मेनका गांधी चुनाव लड़ेंगी. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने अपने बेटे वरुण गांधी के लिए पीलीभीत की सीट छोड़ दी है, जहां से अब वरुण गांधी चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि वरुण गांधी सुल्तानपुर से मौजूदा सांसद हैं, जो अमेठी लोकसभा सीट से काफी पास है और यहां के सांसद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं. मेनका गांधी अब अपने बेटे वरुण के संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर से चुनाव लड़ेंगी. 

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हालांकि, सीटों की अदला-बदली का कोई कारण नहीं बताया गया है, मगर सूत्र कहते हैं कि यह कदम मेनका गांधी ने खुद सुझाया था, क्योंकि उन्हें लगा कि वरुण गांधी पीलीभीत में मजबूती से बैटिंग कर बाजी अपने नाम कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक यह सुझाव मेनका गांधी द्वारा उन आशंकाओं के बीच दिया गया जिनके मुताबिक वरुण गांधी को कांग्रेस के कद्दावर उम्मीदवार से शिकस्त मिल सकती है. बता दें कि लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में होने हैं और नतीजों का ऐलान 23 मई को किया जाएगा. 

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अब सीटों के फेरबदल के बाद यह तय हो गया है कि वरुण गांधी अब मां की राजनीतिक विरासत पीलीभीत में चुनावी मैदान में अपना दमखम दिखाएंगे. ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब बेटे के लिए मां ने अपनी पसंदीदा लोकसभा सीट पीलीभीत छोड़ी है. यानी एक बार 2009 में मेनका गांधी ने वरुण गांधी के लिए पीलीभीत की सीट छोड़ी थी और दूसरी बार अब यानी 2019. हालांकि, सूत्र बता रहे हैं कि सुल्तानपुर में इस बार वरुण गांधी की स्थिति अच्छी नहीं है. यही वजह है कि हार के डर से मेनका गांधी ने अपनी सीट की कुर्बानी दी है. 

साल 2009 में बीजेपी की टिकट पर वरुण गांधी ने अपनी मां की जगह पर पीलीभीत से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की थी. 2009 में ही वरुण गांधी विवादित बयान देकर बीजेपी के फायर ब्रांड नेता के तौर पर उभरे थे. वहीं, 2014 में वरुण गांधी को बीजेपी ने सुल्तानपुर से टिकट दिया था, जिसमें वरुण गांधी ने फिर जीत दर्ज की. 

बीजेपी ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें गोरखपुर और फुलपुर लोकसभा सीट से भी उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया है. बता दें कि 2018 में हुए लोकसभा उपचुनाव में इन दोनों जगह से बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखपुर सीट से योगी आदित्यनाथ प्रतिनिधित्व करते थे, वहीं फुलपुर से केशव प्रसाद मौर्य. इस लिस्ट में रीता जोशी का नाम भी है, जिन्हें इलाहाबाद से लड़ाया जा रहा है. 

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भाजपा ने अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा को रामपुर से टिकट दिया है जहां उनका मुकाबला सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से होगा । जयाप्रदा मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गईं. पार्टी ने कानपुर सीट से सत्यदेव पचौरी को टिकट दिया है.इस सीट का अभी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने अपने पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद मुरली मनोहर जोशी से कहा है कि वह आगामी आम चुनाव ना लड़ें. इससे पहले पार्टी ने भाजपा के संस्थापक और वरिष्ठ सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को भी इस बार टिकट नहीं दिया है. आडवाणी गांधीनगर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जहां से इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दिया गया है. भाजपा ने बालिया से वीरेन्द्र सिंह मस्त को टिकट दिया है. गाजीपुर सीट से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को टिकट दिया गया है जबकि चंदौली से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे को टिकट दिया गया है.

वहीं, धौरहराह से रेखा वर्मा, फर्रूखाबाद से मुकश राजपूत, इटावा से रामशंकर कठेरिया, कन्नौज से सुव्रत पाठक, अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह भोले, जालौन से भानुप्रताप वर्मा, हमीरपुर से पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, कौशम्बी से विनोद सोनकर, बाराबंकी से उपेन्द्र रावत, फैजाबाद से लल्लू सिंह, बहराइच से अक्षयवार लाल गौड़, कैसरगंज से बृजभूषण सरण सिंह, श्रावस्ती से ददन मिश्रा, गोडा से कीर्तिवर्द्धन सिंह, डूमरियागंज से जबदम्बिका पाल, बस्ती से हरीश द्विवेदी, महराजगंज से पंकज चौधरी, कुशीनगर से विजय दूबे, बांसगांव से कमलेश पासवान और सलेमपुर से रवीन्द्र कुशवाहा को टिकट दिया गया है.

उत्तर प्रदेश में 80 सीटें, 7 चरणों में मतदान
11 अप्रैल: गौतमबुद्ध नगर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, सहारनपुर
18 अप्रैल: अलीगढ़, अमरोहा, बुलंदशहर, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, नगीना
23 अप्रैल: मुरादाबाद, रामपुर, संभल, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला, बरेली, पीलीभीत
29 अप्रैल: शाहजहांपुर, खेड़ी़, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कनौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी, हमीरपुर
6 मई: फिरोजाबाद, धौरहरा, सीतापुर, माेहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, बहराइच, कैसरगंज, गोंडा
12 मई: सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही
19 मई: महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सालेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज

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