लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के आखिरी चरण का चुनावी प्रचार-प्रसार शुक्रवार को खत्म हो गया. इसके तुरंत बाद दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में पांच साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब होते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''नमस्कार दोस्तों, पहले तो मेरा यही काम रहता था कि पार्टी दफ्तर में शाम को आकर लोगों के साथ चाय पीना. मुझे अच्छा लगा आज आपके बीच आने का अवसर मिला. मेरे आने में थोड़ी देर हो गई, थोड़ा इंतजार करना पड़ा, मैं मध्य प्रदेश में था. वहीं से सीधा आपके बीच पहुंचा हूं. इसके बाद शायद अध्यक्ष जी (अमित शाह) ने मेरे लिए कोई काम नहीं रखा है.''
पीएम मोदी ने आगे कहा, मैं मानता हूं कि कुछ बातें हम गर्व के साथ दुनिया से कह सकते हैं. ये दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, ये लोकत्रंत की ताकत दुनिया के सामने ले जाना हम सबका दायित्व है. हमें विश्व को प्रभावित करना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र कितनी विविधताओं से भरी हुई है. कितनी अच्छाईयां है. अब इतना बड़ा चुनाव चल रहा है. दो चुनाव (2009 और 2014) ऐसे हुए कि आईपीएल मैचों को भी बाहर ले जाना पड़ा था. आज जब सरकार सक्षम होती है तो रमजान, आईपीएल मैच, ईस्टर, हनुमान जयंती, रामजयंती, नवरात्रि, बच्चों के एग्जाम और चुनाव भी होता है. यानी यह हमारे देश की अपनी ताकत है. मैं इसको कोई सरकार की अमानत के रूप में पेश नहीं कर रहा हूं.''
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने आगे कहा, ''चुनाव शानदार रहा, एक सकारात्मक भाव से चुनाव हुआ. पूर्ण बहुमत वाली सरकार पांच साल पूरे करके दोबारा जीतकर आए ये शायद देश में बहुत लंबे अर्से के बाद हो रहा है. ये अपने आप में बड़ी बात है. जब मैं चुनाव के लिए निकला और मन बनाकर निकला था और अपने को उसी धार पर रखा. मैंने देशवासियों को कहा था कि 5 साल मुझे देश ने जो आशीर्वाद दिया उसके लिए मैं धन्यवाद देने आया हूं. अनेक उतार चढ़ाव आए, लेकिन देश साथ रहा. मेरे लिए चुनाव जनता को धन्यवाद ज्ञापन था''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''16 मई को पिछली बार रिजल्ट आया था और 17 मई को एक दुर्घटना हुई थी, 17 मई को सट्टाखोरों को मोदी की हाजिरी का बड़ा नुकसान हुआ था. सट्टा लगाने वाले तब सब डूब गये थे, यानी ईमानदारी की शुरुआत 17 मई को हो गई थी. नई सरकार बनना जनता ने तय कर लिया है. हमने संकल्प पत्र में देश को आगे ले जाने के लिए कई बातें कही हैं. जितना जल्दी होगा, उतना जल्दी नई सरकार अपना कार्यभार लेगी. एक के बाद एक करके निर्णय हम लेंगे. बंगाल में भाजपा के 80 कार्यकर्ता मारे गए हैं. हम तो पूरे देश में चुनाव लड़ रहे हैं, कहीं और हिंसा क्यों नहीं होती है. हमारे कारण हिंसा होती तो देश के हर हिस्से में होती। मीडिया को ममता जी से पूछना चाहिए कि वहीं ऐसा क्यों होता है''
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