चारा घोटाला मामले में (Fodder Scam) में जेल में बंद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से एक और बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है. लालू प्रसाद यादव के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसलिए भी सबसे बड़ा झटका है क्योंकि 1977 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि लालू प्रसाद यादव किसी भी चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होंगे. यानी 1977 के बाद यह पहला मौका है जब लालू प्रसाद यादव चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेंगे. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए लालू प्रसाद ने प्रचार किया था, हालांकि, उस वक्त भी वह जेल से जमानत पर बाहर आए थे.
लालू प्रसाद यादव को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका, सीबीआई ने किया था बेल का विरोध
दरअसल, लालू प्रसाद यादव ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी थी. मगर सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करके लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि लालू यादव लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए जमानत मांग रहे हैं.
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सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद कई चीजें नई होंगी. मसलन, 1977 के बाद जब लालू प्रसाद यादव पहली बार चुनाव लड़े थे और सारण से सांसद के रूप में चुने गए थे, चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. चारा घोटाला में फंसे होने की वजह से उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया था, जिसकी वजह से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे, मगर वह 2014 के चुनाव और 15 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार में शामिल हुए थे.
इतना हीन हीं, जब तक चारा घोटाला के ही एक मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में दोषी पाए गए लालू प्रसाद यादव को हाई कोर्ट बरी नहीं कर देता, तब तक लालू प्रसाद यादव का जेल से बाहर निकलना काफी मुश्किल है.
बता दें कि लालू प्रसाद को नौ सौ करोड़ रूपए से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. ये मामले 1990 के दशक में, जब झारखण्ड बिहार का हिस्सा था, धोखे से पशुपालन विभाग के खजाने से धन निकालने से संबंधित हैं. लालू प्रसाद ने उच्च न्यायालय में जमानत के लिये अपनी उम्र और गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुये कहा था कि वह मधुमेह, रक्तचाप और कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में पहले ही जमानत मिल गयी थी. राजद सुप्रीमो को झारखण्ड में स्थित देवघर, दुमका और चाईबासा के दो कोषागार से छल से धन निकालने के अपराध में दोषी ठहराया गया है. इस समय उन पर दोरांदा कोषागार से धन निकाले जाने से संबंधित मामले में मुकदमा चल रहा है.
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