समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पिछले कुछ दिनों के दौरान कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने के लिए मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से एक नया कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया वे आचार संहिता उल्लंघन के दोषी हैं. चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणियों के उदाहरण देते हुए कहा कि एक मौके पर उन्होंने कथित रूप से कहा कि फासीवादी उन्हें मारने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने दूसरे मौके पर कथित रूप से कहा कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को मारा है. उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कथित रूप से कहा था कि अपराधी संवैधानिक पदों पर आसीन हैं.
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चुनाव आयोग ने उल्लेखित किया कि मामलों में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और जनप्रतिनिधि कानून के तहत प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. नोटिस में यह भी कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि चुनाव के दौरान कोई बयान देते समय किसी के द्वारा धर्म या जाति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसमें कहा गया है कि इसलिए आयोग ने मामले पर उपलब्ध सामग्री और वर्तमान निर्देशों पर विचार करने के बाद आपको उपरोक्त बयानों के संबंध में अपना रुख समझाने के लिए एक मौका देने का निर्णय किया है.
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आपकी ओर से स्पष्टीकरण यह नोटिस प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर जमा कराना होगा, ऐसा करने में असफल होने पर आयोग आपको सूचित किये बिना एक निर्णय करेगा. भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ खाकी अंडरवीयर टिप्पणी को लेकर जवाब से असंतुष्ट आयोग ने सोमवार को आजम पर 72 घंटे के लिए प्रचार करने पर रोक लगा दी थी जिसकी अवधि मंगलवार सुबह से शुरू होनी थी. मंगलवार की रोक पूरे भारत के लिए है, लेकिन खान को 2014 में अपनी भड़काऊ टिप्पणी के लिए उत्तर प्रदेश केंद्रित इसी तरह की रोक का सामना करना पड़ा था.(इनपुट भाषा से)
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