चुनाव आयोग (Election Commission) ने भाजपा (BJP) की गुजरात इकाई के प्रमुख जीतूभाई वघानी (Jitubhai Vaghani) को एक चुनावी सभा में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के कारण उनको 72 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया है. उन पर प्रतिबंध दो मई को शाम चार बजे से लागू होगा. गुजरात में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) तीसरे चरण में 23 अप्रैल को हुआ था. राज्य में एक चरण में ही चुनाव हुआ. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सात अप्रैल को सूरत के अमरोली में पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को संबोधित करते हुए आचार संहिता के उल्लंघन और अशोभनीय भाषा के इस्तेमाल के लिए वघानी 72 घंटे तक देश के किसी भी हिस्से में जनसभा, रोडशो आदि में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
वहीं चुनाव आयोग ने सांप्रदायिक टिप्पणियां करने को लेकर सोमवार को केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता गिरिराज सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया. आयोग ने कहा कि प्रथमदृष्टया गिरिराज ने आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन किया है. आचार संहिता और उच्चतम न्यायालय के निर्देश कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान की जाने वाली बयानबाजी में धर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. गिरिराज को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया गया है.
Election Commission bars Jitubhai Vaghani, Gujarat BJP President from election campaigning for 72 hours starting from 4 pm tomorrow, for violating Model Code of Conduct during his election campaign held at Amroli in Surat on 7th April. #LokSabhaElections2019 (file pic) pic.twitter.com/FOog68QRa6
— ANI (@ANI) May 1, 2019
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बिहार के बेगूसराय जिला प्रशासन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए 25 अप्रैल को गिरिराज के खिलाफ आदर्श आचार संहिता और जनप्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था. गिरिराज पर 24 अप्रैल को एक जनसभा में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में मुस्लिमों के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप है. बेगूसराय में रैली को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा था, ‘...जो वंदे मातरम नहीं गा सकता, जो मातृभूमि का सम्मान नहीं कर सकता, उसे देश माफ नहीं करेगा. मेरे पूर्वज सिमरिया घाट में गंगा नदी के किनारे मरे, और उन्हें कब्र की जरूरत नहीं पड़ी. लेकिन तुम्हें तो तीन हाथ जगह चाहिए.' साल 2014 के लोकसभा चुनावों में गिरिराज को सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के कारण बिहार और झारखंड में चुनाव प्रचार करने से रोक दिया गया था.
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वहीं, आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. आप का कहना है कि प्रधानमंत्री के दौरे के पहले सरकारी अधिकारियों को अपने इलाके के बारे में सूचनाएं भेजने के लिए कहना आचार संहिता का उल्लंघन है. अपने पत्र में आम आदमी पार्टी ने मीडिया की एक खबर का उल्लेख किया है जिसके मुताबिक नीति आयोग ने केंद्रशासित प्रदेशों और भाजपा शासित कम से कम एक राज्य में नौकरशाहों को भेजे गए ई-मेल में प्रधानमंत्री के दौरे के पहले स्थानीय क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को सूचनाएं देने को कहा.
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आप ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि मंत्री चुनावी कार्यों के साथ आधिकारिक दौरे को नहीं मिलाएंगे और चुनावी कार्यों के लिए आधिकारिक तंत्र का इस्तेमाल नहीं करेंगे. आप ने चुनाव आयोग से मामले की जांच करने और आवश्यक कदम उठाने को कहा है.
(इनपुट- भाषा)
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