नई दिल्ली:
प्रख्यात शिक्षाविद् और साहित्यकार पथनी पटनायक का शनिवार को ओडिशा के कटक में उनके आवास पर निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे और उनके परिवार में दो बेटे और तीन बेटियां हैं. उनकी पत्नी का उनसे पहले ही देहावसान हो गया था.
पटनायक का शव शहर में सतीचौरा शवदाहगृह में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. अंतिम संस्कार में साहित्य के क्षेत्र से विभिन्न लोग और उनके शुभचिंतक मौजूद थे.
क्रिस्ट कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य पटनायक ओड़िशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रहे और उन्हें 2010 में उनकी आत्मकथा 'जीबनारा चलपथा' के लिए उन्हें केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
(एजेंसियों से इनपुट)
पटनायक का शव शहर में सतीचौरा शवदाहगृह में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया. अंतिम संस्कार में साहित्य के क्षेत्र से विभिन्न लोग और उनके शुभचिंतक मौजूद थे.
क्रिस्ट कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य पटनायक ओड़िशा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष रहे और उन्हें 2010 में उनकी आत्मकथा 'जीबनारा चलपथा' के लिए उन्हें केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
(एजेंसियों से इनपुट)
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