संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य लेखन के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान अगले हफ्ते कोंकणी साहित्यकार महाबलेश्वर सैल को दिया जाएगा.
के के बिरला फाउंडेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि वर्ष 2016 का ‘सरस्वती सम्मान’ आगामी 30 अगस्त को यहां राष्ट्रीय संग्रहालय सभागार में रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा सैल को उनके उपन्यास ‘होथन’ के लिए दिया जाएगा.74 वर्षीय लेखक ने चार मराठी नाटक और सात कोंकणी उपन्यास लिखे हैं. इसके अलावा उन्होंने मराठी भाषा में पांच लघु कथाएं और एक उपन्यास भी लिखा है. फाउंडेशन के लिए इस पुरस्कार में 15 लाख रुपये का नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. पहला सरस्वती सम्मान 1991 में हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथा के लिए प्रदान किया गया था.
के के बिरला फाउंडेशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि वर्ष 2016 का ‘सरस्वती सम्मान’ आगामी 30 अगस्त को यहां राष्ट्रीय संग्रहालय सभागार में रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा सैल को उनके उपन्यास ‘होथन’ के लिए दिया जाएगा.74 वर्षीय लेखक ने चार मराठी नाटक और सात कोंकणी उपन्यास लिखे हैं. इसके अलावा उन्होंने मराठी भाषा में पांच लघु कथाएं और एक उपन्यास भी लिखा है. फाउंडेशन के लिए इस पुरस्कार में 15 लाख रुपये का नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है. पहला सरस्वती सम्मान 1991 में हरिवंश राय बच्चन को उनकी आत्मकथा के लिए प्रदान किया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं