उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में डॉ. शेख नगीनवी की उर्दू भाषा में लिखी गई पुस्तक 'दबिस्ताने-बिजनौर' का लोकार्पण किया. सोमवार को इस मौके पर डॉ. नगीनवी ने उन्हें अपनी पुस्तक की प्रथम प्रति भी भेंट की.
गौरतलब है कि पुस्तक 'दबिस्ताने-बिजनौर' में जिला बिजनौर के साहित्यकारों विशेषकर उर्दू साहित्यकारों के बारे में उर्दू लेखकों द्वारा लिखे गए लेखों का संकलन है. राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि जल्द ही 'दबिस्ताने-बिजनौर' का हिंदी रूपांतरण भी आए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग बिजनौर के समृद्ध साहित्य के बारे में जान सके. उन्होंने कहा कि उर्दू उत्तर प्रदेश की दूसरी सरकारी भाषा है, इस दृष्टि से उन्होंने अपने मराठी संस्मरण संग्रह 'चरैवेति! चरैवेति!!' का उर्दू अनुवाद भी करवाया.
डॉ. शेख नगीनवी ने बताया कि विश्व स्तर पर उर्दू भाषा को परवान चढ़ाने में जिला बिजनौर का महत्वपूर्ण योगदान है. उर्दू की कोई ऐसी विधा नहीं है जिस पर बिजनौरियों ने काम न किया हो. यह पुस्तक शोधार्थियों, शिक्षकों और उर्दू प्रेमियों के लिए बड़ी अहम है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गौरतलब है कि पुस्तक 'दबिस्ताने-बिजनौर' में जिला बिजनौर के साहित्यकारों विशेषकर उर्दू साहित्यकारों के बारे में उर्दू लेखकों द्वारा लिखे गए लेखों का संकलन है. राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि जल्द ही 'दबिस्ताने-बिजनौर' का हिंदी रूपांतरण भी आए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग बिजनौर के समृद्ध साहित्य के बारे में जान सके. उन्होंने कहा कि उर्दू उत्तर प्रदेश की दूसरी सरकारी भाषा है, इस दृष्टि से उन्होंने अपने मराठी संस्मरण संग्रह 'चरैवेति! चरैवेति!!' का उर्दू अनुवाद भी करवाया.
डॉ. शेख नगीनवी ने बताया कि विश्व स्तर पर उर्दू भाषा को परवान चढ़ाने में जिला बिजनौर का महत्वपूर्ण योगदान है. उर्दू की कोई ऐसी विधा नहीं है जिस पर बिजनौरियों ने काम न किया हो. यह पुस्तक शोधार्थियों, शिक्षकों और उर्दू प्रेमियों के लिए बड़ी अहम है.
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