राजस्थान सरकार 14 संस्कृत विद्वानों को संस्कृत भाषा के लिये उनके द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्यो लिये चार श्रेणियों में पुरस्कार देकर सम्मानित करेगी. संस्कृत शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने बताया कि जयपुर में आयोजित चार अगस्त को राज्य स्तरीय विद्वत्सम्मान समारोह में अजमेर के पुष्कर के स्वामी गोविन्द देव गिरि को संस्कृत साधना सम्मान शिखर सम्मान से पुरस्कृत किया जायेगा. उन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार, श्री फल और शाल भेंट किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि अजमेर के सत्यनारायण शास्त्री और चित्तौडगढ के कैलाश चंद्र मूंदडा को संस्कृत साधना सम्मान के लिये चुना गया है, इसके तहत उन्हें 51-51 हजार रूपये की राशि से सम्मानित किया जायेगा. इसी तरह छह संस्कृत विद्वानों बीकानेर के डा विक्रमजीत, जोधपुर के डा सत्यप्रकाश दुबे, टोंक की डा अनीता जैन, जयपुर के डा शम्भूनाथ झा और संदीप जोशी, झुंझुनूं के हेमन्त कृष्ण मिश्र को संस्कृत विद्वत्सम्मान पुरस्कार दिया जायेगा. उन्हें 31-31 हजार रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि पांच विद्वानों को संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान से पुरस्कृत किया जायेगा, इसके तहत उन्हें 21-21 हजार रूपये सम्मान स्वरूप दिये जायेगे.इसके अलावा विभिन्न विश्विवद्यालयों में और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के विकास के लिये प्रयास कर रही है. संस्कृत का संरक्षण करके ही हम संस्कृति को बचा सकते है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि अजमेर के सत्यनारायण शास्त्री और चित्तौडगढ के कैलाश चंद्र मूंदडा को संस्कृत साधना सम्मान के लिये चुना गया है, इसके तहत उन्हें 51-51 हजार रूपये की राशि से सम्मानित किया जायेगा. इसी तरह छह संस्कृत विद्वानों बीकानेर के डा विक्रमजीत, जोधपुर के डा सत्यप्रकाश दुबे, टोंक की डा अनीता जैन, जयपुर के डा शम्भूनाथ झा और संदीप जोशी, झुंझुनूं के हेमन्त कृष्ण मिश्र को संस्कृत विद्वत्सम्मान पुरस्कार दिया जायेगा. उन्हें 31-31 हजार रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि पांच विद्वानों को संस्कृत युवा प्रतिभा सम्मान से पुरस्कृत किया जायेगा, इसके तहत उन्हें 21-21 हजार रूपये सम्मान स्वरूप दिये जायेगे.इसके अलावा विभिन्न विश्विवद्यालयों में और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के विकास के लिये प्रयास कर रही है. संस्कृत का संरक्षण करके ही हम संस्कृति को बचा सकते है.
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